नई दिल्ली। गुजरात वर्ष 2014-15 के दौरान स्वच्छ भारत मिशन को क्रियान्वनित करने में सबसे आगे निकल गया हैं।
पिछले वित्त वर्ष के दौरान कुल 2,70,069 परिवारों के यहां शौचालयों का निर्माण हुआ जिसमें से केवल गुजरात में 1,65,376 परिवारों के यहां शौचालयों का निर्माण किया गया। यह कुल शौचालयों के निर्माण का 60 प्रतिशत है। इसके बाद वर्ष 2014-15 में मध्यप्रदेश में 99,151 परिवारों और कर्नाटक में 4,697 परिवारों के यहां शौचालयों का निर्माण किया गया।
गौरतलब है कि स्वच्छ भारत मिशन 2 अक्तूबर, 2014 को शुरू किया गया था। इसका लक्ष्य महात्मा गांधी की 150वीं जयंती यानी 2 अक्तूबर, 2019 तक पूरे देश के 4041 वैधानिक शहरों और नगरों में पूरी तरह स्वच्छता सुनिश्चित करना है।
शहरी विकास मंत्रालय द्वारा जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार ठोस कूड़ा प्रबंधन को भी प्रोत्साहित करने में गुजरात अन्य राज्यों की तुलना में सबसे आगे रहा। इसने राज्य के 195 में से 120 शहरों के नगरपालिकाओं के ठोस कचरे का संग्रह और उसे निपटान स्थल पर पहुंचाने में 100 प्रतिशत सफलता हासिल की है।
इसके बाद ओडिशा के 107 शहरों और कर्नाटक के 47 शहरों यह काम हुआ। कुल 4,041 वैधानिक शहरों में से 329 में ही नगरपालिकाओं के कचरे का 100 प्रतिशत संग्रह हुआ और उसे निपटान स्थल तक ले जाया गया।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि सामुदायिक शौचालय सीटें बनाने में ओडिशा दूसरे राज्यों से आगे रहा। यहां वर्ष 2014-15 में 740 शौचालय सीटें बनाई गईं। अंडमान और निकोबार में 200 सामुदायिक शौचालय सीटें बनाई गईं, जबकि कर्नाटक में यह संख्या 100 रही। वर्ष 2014-15 के दौरान कुल 1,222 सामुदायिक शौचालय सीटें बनाई गईं।
पांच साल के स्वच्छता मिशन के तहत 62,009 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसके तहत घरों में 1.04 करोड़ शौचालयों, 2.51 लाख सामुदायिक शौचालय सीटों और 2.55 लाख सार्वजनिक शौचालय सीटों का निर्माण किया जाएगा। इसके तहत 37 करोड़ शहरी लोगों को ठोस कचरा प्रबंधन में सहायता दी जाएगी।
शहरी क्षेत्रों में खुले में शौच की समस्या खत्म करने के लिए शौचालयों का निर्माण इस मिशन की प्राथमिकता है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत प्राप्त प्रस्तावों के आधार पर केंद्रीय शहरी वकास मंत्रालय ने वर्ष 2014-15 के दौरान 900 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। राज्यों और केंद्रीय शासित प्रदेशों को 700 करोड़ रुपये दिए गए हैं।