अकोला। महाराष्ट्र के अकोला जिले में जवाहर नवोदय विद्यालय (जेएनवी) की 55 छात्राओं ने दो शिक्षकों पर छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया है। आरोपी शिक्षकों को शुक्रवार देर रात पुलिस ने अरेस्ट कर लिया। मामला उजागर होने के बाद से ये शिक्षक भूमिगत हो गए थे। काफी तलाश के बाद पुलिस ने इन्हें दबोच लिया।
महाराष्ट्र महिला आयोग (एमडब्ल्यूसी) की सदस्य आशा मिर्गे ने कहा कि मोबाइल टेलीफोन ट्रेकिंग द्वारा अकोला सिविल लाइन्स पुलिस ने पता लगाया है कि दोनों अध्यापक अमरावती में कहीं पर छिपे हुए हैं। उन्हें पकडऩे के लिए पुलिस की एक टीम भेजी गई।
मिर्गे ने बताया कि 55 छात्राओं ने उन्हें एक लिखित शिकायत सौंपी है, जिसमें उन्होंने अपनी आपबीती बताई है। इसमें उन्होंने दो अध्यापकों के नाम भी लिए हैं। वे उनसे अभद्र बातें करते थे, छेडख़ानी करते थे और अपनी यौन इच्छाएं जाहिर करते थे।
उन्होंने जिले के अधिकारियों से मुलाकात कर दोनों शिक्षकों की गिरफ्तारी और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की, ताकि दूसरों के लिए यह सबक हो सके।
पेशे से स्त्री रोग विशेषज्ञ मिर्गे ने कहा कि पीडि़तों में ज्यादातर लड़कियां गरीब परिवारों से आती हैं, लेकिन वे बहुत प्रतिभाशाली है और एक कठिन प्रवेश परीक्षा पास कर जेएनवी में दाखिला पा सकी हैं।
मिर्गे ने इस मामले की शिकायत जब जिलाधिकारी अरुण ङ्क्षशदे, जिला पुलिस अधीक्षक चंद्रकिशोर मीणा और प्रधानाचार्य आर. सिंह से की, तभी से दोनों अध्यापक गायब है। आरोपी शिक्षकों की पहचान राजन गजबिया (42) और शैलेश रामटेके (49) के रूप में हुई है।
पुलिस ने फरार शिक्षकों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 354 के तहत और बच्चों की सुरक्षा के लिए यौन अपराध अधिनियम की धारा 8, 9, 10, 11 के तह मामला दर्ज कर लिया है।
मिर्गे ने कहा कि वे मुख्यमंत्री देंवेंद्र फडणवीस से मिलकर और केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी को पत्र लिखकर जेएनवी के देशभर में बने 600 आवासीय स्कूलों में पढऩे वाली छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग करेंगी।
इससे पहले स्कूल के प्रधानाचार्य ने मिर्गे को बताया कि एक आतंरिक समिति ने मामले की जांच कर पुणे स्थित जेएनवी मंडलायुक्त को रिपोर्ट भेज दी है, जो महाराष्ट्र के 64 स्कूलों के प्रभारी हैं। मिर्गे ने जेएनवी अकोला में पढऩे वाली 359 छात्राओं में से ज्यादातर छात्राओं से बातचीत की। इनमें से कई ने दुव्र्यवहार की शिकायत की।