नई दिल्ली। निस्वार्थ सेवा के जरिये पिछड़ों को आगे लाने के संकल्प के साथ शनिवार को राष्ट्रीय सेवा भारती के तत्वावधान में राष्ट्रीय सेवा संगम के तीन दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ कृष्ण गोपाल ने कहा कि आज हम समर्थ और सक्षम है। हमारा पहला उद्देश्य है कि देश में कोई दुखी न रहे और दूसरा कि समूचे विश्व में कोई दुखीजन न रहै । इसके लिये निस्वार्थ सेवा ही एक माध्यम है जो केवल भारतीय दर्शन में ही निहित है।
उन्होंने कहा कि 1989 में संघ के सरसंघचालक बाला साहेब देवरस जी ने सेवा क्षेत्र में काम करने का लक्ष्य दिया तब उन्होंने पांच हजार प्रकल्पों की बात की थी लेकिन आज देशभर में डेढ लाख प्रकल्प काम कर रहे हैं। लोभ जनित सेवा को गलत बताते हुए उन्होंने कहा कि सेवा व्यापार नही है।
उन्होंने कहा कि हमारी ऋषि परंपरा में हमें सिखाया गया है कि हर मनुष्य में ईश्वर का निवास है इसलिए सेवा दैवीय कार्य मानकर दूसरों के कष्टों को अपना समझकर करनी चाहिये। परोक्ष रूप से सेवा के नाम पर अन्य उद्देश्यों को पूरा करने वालों पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि आज भारत के लोग सक्षम और समर्थ हैं हमारा पहला उद्देश्य भारत के हर दुखी जन की सेवा है और फिर पूरे विश्व की सेवा है।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद माता अमृतानन्दमयी मां (अम्मा) ने कहा कि हमें नर को नारायण रुप मानकर उसकी सेवा करनी चाहिये और यदि उसकी सेवा करते हुये हमारी सांसे निकलें तो हमारा जीवन सफल है। उन्होंने कहा कि त्याग को सेवा से अलग करके नही देखा जा सकता। सेवा कोई पेशा नही है।
हमें निष्काम भाव से ईश्वर को समर्पित कर सेवा करनी चाहिये। उन्होंने कहा कि आज मनुष्य में मैं का भाव बहुत बढ़ गया है और इस मैं को पोषित करने के लिये ही सेवा भी की जा रही है जो गलत है। यदि श्री कृष्ण के निष्काम कर्मयोग के जरिये सेवा की जायेगी तो जीवन का असल उद्देश्य प्राप्त होगा।
इस अवसर पर जी न्यूज के मालिक सुभाष चन्द्रा ने कहा कि मुझे यहां आकर जानने का मौका मिला की राष्ट्रीय सेवा भारती और उसके कार्यकर्ता किस तरह देशभर में कार्यरत होकर समाज की सेवा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगले दो दिन में यहां रहकर इसे पूरी तरह से समझने की कोशिश करुंगा।
राष्ट्रीय सेवा संगम के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुये श्री अजीत प्रसाद ने कहा कि दरिद्र नारायण की सेवा ही हमारा असली उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि उसे स्वावलंबी, शिक्षित और सक्षम बनाने के लिये देश भर में काम कर रहे समाज सेवा में रत संगठनों को राष्ट्रभाव से जोड़ना ही सेवा संगम का मूल उद्देश्य है।
इस अवसर पर संघ के सरकार्यवाह भैयाजी जोशी भी उपस्थित थे। राष्ट्रीय सेवा भारती द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में देशभर से समाज सेवा में लगे विभिन्न संगठनों ने हिस्सा लिया।
सेवा के नाम पर धर्म परिवर्तन अस्वीकार : इन्द्रेश कुमार
सेवा के नाम पर धर्म परिवर्तन को गलत बताते हुए आज संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य इन्द्रेश कुमार ने कहा कि सरकार को इसे रोकने के लिये कानून लाना चाहिए।
राष्ट्रीय सेवा संगम के कार्यक्रम के इतर उन्होंने कहा कि भारत निस्वार्थ भावना से सेवा की प्रेरणा देता है। परन्तु कुछ लोग सेवा के नाम पर धर्म परिवर्तन करा रहे हैं जो कि गलत है। उन्होंने कहा कि वह सरकारी अनुरोध करते हैं कि इसके विरुद्ध उचित कानून लाये। उन्होंने कहा कि वह सभी समुदाय के लोगों से अपील करते हैं कि वह आगे आयें और के जन एक राष्ट्र के विचार को आगे बडाये।