बेंगलुरू। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण के साथ ही भारतीय जनता पार्टी की बेंगलुरू राष्ट्रीय कार्यकारिणी का समापन हो गया। केन्द्र की सत्ता में आने के बाद भाजपा की यह पहली कार्यकारिणी थी।
इसमे पार्टी ने जहां सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने का वादा किया वहीं सरकार के मुखिया ने भी देश को मजबूत करने का वादा किया। अपने समापन भाषण में प्रधानमंत्री ने वैसे तो कई पहलुओं को छुआ पर उनका सबसे अधिक जोर पार्टी और संगठन को मजबूत करने पर रहा।
कार्यकारिणी में प्रधानमंत्री के भाषण के मुख्य बिंदुओं की जानकारी देते हुए केन्द्रीय वित्तमंत्री अरूण जेटली ने कहा कि उनका सबसे अधिक जोर पार्टी का मजबूती के साथ विस्तार करने पर था।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि देश के हर जिले में पूर्ण सुविधा संपन्न पार्टी कार्यालय होना चाहिए। उन्होने पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से आग्रह किया कि वह ऐसी रूपरेखा तैयार करे जिसमे कार्यालयो के स्वरूप और कामकाज का ब्योरा हो।
प्रधानमंत्री ने संगठन को मजूबत करने के लिए कार्यकर्ताओं के समय-समय पर अभ्यास वर्ग और प्रशिक्षण देने का भी काम करने पर जोर दिया। जेटली ने बताया की प्रधनमंत्री ने अपने भाषण में पार्टी के लिए कुछ कार्यक्रम भी बताये जो वर्षो तक चलेंगे।
उन्होंने कहा कि यह वर्ष पं. दीनदयाल उपाध्याय के जन्म शती का वर्ष है। इसलिए पार्टी को उनके अंत्योदय के सपने को पूरा करना है। गरीबों को आगे लाने के लिए पार्टी और सरकार दोनो को मिलकर काम करना होगा। उन्होंने कहा कि स्वच्छता अभियान को भी इससे ही जोड़ कर देखा जाना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भूमि अधिग्रहण विधेयक को लेकर पार्टी आम लोगों के बीच जाए। लोगों को समझाये की यह कानून किसान विरोधी नहीं है। इससे किसानों और गरीबों को लाभ होगा। देश के गांवों में अधारभूत ढ़ाचे जैसे सड़क, सिंचाई बिजली पक्के घर और रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। उल्लेखनीय है कि भूमि अधिग्रहण पर गोपाल अग्रवाल ने प्रस्ताव लाया था। जिस पर राजनीति प्रस्ताव के अर्न्तगत गडकरी ने विस्तृत चर्चा की।
वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में औद्योगिक कोरिडोर बनने से किसानों को ही लाभ होगा। उनको रोजगार के अवसर बढेगे। पिछली सरकार के कार्काल मे बनाये गये 2013 के भूमि अधिग्रहण कानून को उन्होंने किसान विरोधी बताया। जेटली ने कहा कि सरकार राज्यसभा में हाल मे दुबारा जारी किये गये अध्यादेश के आधार पर विधेयक लायेगी। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद भी विपक्ष कोई रचनात्मक सुझाव देता है तो सरकार उसे जरूर मानेगी।