चेन्नई। ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) के दोनों धड़ों ने शनिवार को आपसी मतभेदों को दरकिनार करते हुए विश्वास व्यक्त किया है कि अगले दो दिन में उनका विलय हो जाएगा। साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम के धड़े ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि विलय के लिए वीके शशिकला का पार्टी से निष्कासन आवश्यक पूर्व शर्त होगी।
बीते दिनों से बेहद चर्चा में रहा यह विलय करीब-करीब तय माना जा रहा है, लेकिन शुक्रवार की शाम शशिकला और अन्य मुद्दों को लेकर एकबार फिर अटक गया।
शनिवार को पन्नीरसेल्वम ने कहा कि पार्टी के दोनों धड़ों के विलय की बातचीत अच्छी दिशा में चल रही है और एक या दो दिन में ‘अच्छा फैसला’ लिया जाएगा।
पन्नीरसेल्वम ने समर्थन देने वाले नेताओं के साथ परामर्श करने के बाद कहा कि एआईएडीएमके में कोई मतभेद नहीं है और तमिलनाडु के लोगों तथा एआईएडीएमके के सदस्यों की इच्छा के अनुरूप विलय की वार्ता आसानी से आगे बढ़ रही है। एक या दो दिन में एक सही फैसला लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि वह एमजीआर द्वारा स्थापित संगठन की रक्षा और जयललिता के तय मानकों का अनुसरण करने की दिशा में काम कर रहे हैं।
पन्नीरसेल्वम शनिवार की शाम दोबारा मीडिया से रूबरू हुए और दोहराया कि बातचीत सही दिशा में चल रही है और एक या दो दिन में सही फैसला लिया जाएगा।
पन्नीरसेल्वम ने कहा कि रविवार या उसके अगले दिन आपको अपेक्षित खबर सुनने को मिलेगी।एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कोई पूर्व शर्त नहीं है और एआईएडीएमके की सरकार गिरने के पीछे हम जिम्मेदार नहीं हैं।
उधर तिरुवरूर में मुख्यमंत्री के. पलनीस्वामी ने भी इसी तरह की बातें कहीं। उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में उठे मतभेदों के कारण पार्टी दो धड़े में बंटी, लेकिन अब बातचीत के जरिए उन मतभेदों को दूर कर लिया गया है। जल्द ही दोनों धड़ों का विलय होगा।
इस बीच पन्नीरसेल्वम गुट के एक वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री मुनुस्वामी ने कहा कि राज्य की दिवंगत मुख्यमंत्री जे.जयललिता की निकट सहयोगी रहीं शशिकला का पार्टी से निष्कासन पन्नीरसेल्वम द्वारा शुरू किए गए धर्मयुद्ध का बुनियादी आधार है और इसके बिना इसका कोई अर्थ नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि मैंने इस मामले में कड़ा फैसला लिया है। इसे बाधा कैसे कहा जा सकता है।इस बीच शशिकला के भतीजे टीटीवी दिनाकरन के विश्वासपात्रों ने चेतावनी दी है कि यदि शशिकला को पार्टी महासचिव पद से हटाया गया तो वे मुख्यमंत्री पलनीस्वामी को गद्दी से उतार देंगे और दिनाकरन की तर्ज पर उन्हें भी बर्खास्त कर दिया जाएगा।
दिनाकरन गुट के एक अन्य नेता नानजिल संपत ने कहा है कि दोनों धड़ों के विलय की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि सरकार को 136 विधायकों का समर्थन हासिल है और इस विलय से किसी को फायदा नहीं होगा।