पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यहां शनिवार को कहा कि राजनीति तमाशा नहीं जनसेवा है। उन्होंने कहा कि बिहार का जनादेश पिछलग्गू बनकर हर तरह के कुकर्मो का समर्थन करना नहीं था, बल्कि न्याय के साथ विकास का है।
जद (यू) के खुला अधिवेशन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद और पार्टी से बागी बने शरद यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार में महागठबंधन को जनादेश भ्रष्टाचार या परिवारवाद का समर्थन करने के लिए नहीं मिला था। उन्होंने कहा कि महागठबंधन में जो हालत पैदा हो गए थे, उसमें 20 महीने तक सरकार चला दिया यह बड़ी बात है।
जद (यू) के अध्यक्ष ने संपत्ति कमाने को बुरी लत बताते हुए कहा कि जो माल (संपत्ति) बनाने वाले लोग हैं, उनको यह बीमारी है। जो माल बना रहे हैं, वह यहीं रह जाएगा। फिर भी लोग न जाने कौन-कौन काम करते हैं। अर्जित धन किसी के काम नहीं आता है। कफन में जेब नहीं है, अकेले ही ऊपर जाना है।
उन्होंने जनादेश के अपमान किए जाने के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि महागठबंधन तोड़ने का निर्णय दल का निर्णय है। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि कुछ लोग जो बात करते हैं जनादेश का, हम पूछना चाहते हैं कि किस लिए जनादेश मिला था। वह जनादेश बिहार के विकास के लिए मिला था या परिवार के विकास के लिए?
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजद के सत्ता में आते ही लोगों के बीच भय पैदा हो गया था। महागठबंधन टूटने के बाद वह भय समाप्त हो गया है। लेकिन सत्ता से बाहर आते ही राजद के लोग तरह-तरह की हरकतें कर रहे हैं। लेकिन जनता सब देख रही है।
उन्होंने कहा कि हमें किसी पद की लालसा नहीं है, लोगों की खिदमत के लिए इस पद पर हैं। लोगों की सेवा करते हैं और करते रहेंगे।
नीतीश ने बिहार में आई बाढ़ को अभूतपूर्व बताते हुए कहा कि इस वर्ष नदियों के पानी में प्रवाह तेज है। राज्य के 17 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं। उन्होंने सभी से बाढ़ पीड़ितों को मदद करने की अपील करते हुए कहा कि सरकार मदद के लिए तत्पर है। उन्होंने कहा कि आपदा प्रभावित लोगांे को राज्य के खजाने पर पहला हक है।
जद (यू) के टूट के किसी प्रकार की खबर को निराधार बताते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी में कहीं टूट नहीं है। सभी विधायक, विधानपार्षद राज्य समितियां साथ हैं। उन्होंने ऐसे लोगों को चुनौती देते हुए कहा कि जिसे पार्टी तोड़ना है, तोड़ कर दिखाएं।