पटना। जनता दल (युनाइटेड) में मचे खींचतान के बीच पार्टी अध्यक्ष नीतीश कुमार से नाराज और बागी तेवर अपना चुके सांसद शरद यादव ने यहां कहा कि जिस घर को उन्होंने बनाया था, आज उसी घर को लोग कह रहे हैं कि यह घर उनका नहीं है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि उनको बेघर करने की कोशिश की जा रही है।
बिहार के मुख्यमंत्री आवास पर जद (यू) कार्यकारिणी की बैठक के समानांतर पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित ‘जनअदालत’ कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए जद (यू) के पूर्व अध्यक्ष ने बिहार में महागटबंधन टूटने को जनादेश के साथ विश्वासघात की बात करते हुए कहा कि यहां गठबंधन की सफलता के बाद आगे गठबंधन की योजना बनाई गई थी। उन्होंने कहा कि जनता दल के आकार को बड़ा जनता दल बनाना था।
उन्होंने कहा कि बिहार की जनता ने भाजपा के विजयी रथ को रोकते महागठबंधन को पांच साल के लिए जनादेश दिया था, परंतु इसे बीच में ही तोड़ दिया गया। जनादेश को धरोहर बताते हुए उन्होंने कहा कि इसे छोड़ना सही नहीं है। यह जनादेश का अनादर है।
जद (यू) के पूर्व अध्यक्ष ने यह भी कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन जब तोड़ा जा रहा था, तब भी उन्हें दुख हुआ था, उसे भी बचाने की कोशिश की थी। परंतु टूट गया।
जद (यू) के वरिष्ठ नेता ने कहा कि हमारे पुरखों ने जो संविधान के रूप में विरासत दी है, उससे बड़ी चीज आज कुछ नहीं है। जब तक सांस रहेगी पुरखों के बताए रास्ते पर चलूंगा।
देश की हालत पर चर्चा करते हुए उन्होंने बिना किसी का नाम लिए कहा कि आज देश की हालत बदतर है। आजादी के 70 साल के बाद भी लोगों को पीने का पानी उपलब्ध नहीं कराया जा सका है। किसान आत्महत्या कर रहे हैं, धर्म के नाम पर हत्याएं हो रही हैं।
उल्लेखनीय है कि नीतीश कुमार ने पिछले महीने राजद और कांग्रेस गठबंधन से नाता तोड़कर बिहार में भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाई है। इसके बाद से ही पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद शरद यादव सहित उनके समर्थक पार्टी नेतृत्व से नाराज चल रहे हैं।