अजमेर। अजमेर पुलिस अब पहले जैसी नहीं रही, काम के प्रति कमिटमेंट से लबरेज है। पहले चोर उच्चके पुलिस के लिए मुसीबत बनते थे अब पुलिस चोरों की मुसीबत बन गई है। यह कहना है अजमेर के पुलिस कप्तान एसपी राजेंद्र सिंह चौधरी का।
बुधवार को अजयमेरु प्रेस क्लब की ओर से आयोजित मीट द प्रेस कार्यक्रम में पत्रकारों के सवालों के जवाब देते हुए एसपी ने दावा करते हुए कहा कि हम लक्ष्य निर्धारित करते हैं और उसे प्राप्त करने की दिशा में काम कर रहे हैं।
अजमेर को अपराध मुक्त बनाने के लिए पुलिस लगातार मशक्कत कर रही है। बदमाशों की धरपकड जारी है, पुराने वारंटियों को खोज कर कानून की जद में लाया जा रहा है। ब्लाइंड मर्डर्स को लेकर भी पुलिस की चिंता बरकरार है। पुलिस की वर्किंग को शहरवासी भी देख रहे हैं।
मीडिया इसमें हमारा हमसफर है, मीडिया के जरिए हमें बहुत सी खामियों की जानकारी मिलती है, उसके अनुसार भी हम खुद में सुधार करते हैं। उन्होंने शहर की सुधरी यातायात व्यवस्था के लिए किए गए प्रयासों की सिलसिलेवार जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि शहर में चलने वाले टेम्पो, सिटी बस आदि के ड्राइवर तथा कंडेक्टर को वर्दी अनिवार्य करने की पहल रंग लाई है। सबका बायोडेटा तैयार किया गया है। अनुशासन का पाठ पढने की शुरुआत खुद पुलिस से की गई। पुलिसकर्मी खुद अब दुपहिया वाहन पर बिना हेलमेट नजर नहीं आते। अगर नजर आ गए तो उन पर भी वैसी ही कार्रवाई होती है जैसी किसी अन्य कानून तोडने वाले पर होती है। शराब पीकर वाहन चलाने वालों पर पाबंदी लगी है।
एसपी चौधरी ने बताया कि जब से वे शहर में नियुक्त हुए हैं तब से आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर थानों की मोनोपोली तोड़ी है। योजनाबद्ध तरीकेे से एक थाना क्षेत्र में दूसरे थाने का स्टाफ भेजकर भी अपराध रोकने की कार्रवाई की जा रही है। 50 पुलिसकर्मियों की टीम अन्य थानों के फरार आरोपियों को दबोचने के काम में जुटी है।
एसपी ने दावा किया कि शहर पुलिस पर आरोप लगता है कि वह सिर्फ वाहनों के चालान काटने से ज्यादा कुछ करती नहीं दिखती। पर उनके आने के बाद से ऐसा नहीं है अब चोरी, नकबजनी सहित अन्य वारदातों में कमी आई है।
शहर के लिए अभय कमांड सेंटर
अजमेर के एसपी ने बताया कि शहर में अत्याधुनिक तकनीकी सुविधाओं वाला अभय कमांड सेंटर का काम पूरा होने को है और अगले माह इसके शुरू होेते ही स्मार्ट पुलिसिंग की शुरुआत होगी। अभय कमांड सेंटर नाम से शुरू होने वाले कंट्रोल रूम से शहर पर 600 सीसीटीवी कैमरों के जरिए नजर रहेगी। प्रमुख ट्रैफिक प्वाइंटस पर कंट्रोल रूम की निगाह में रहेंगे। सार्वजनिक स्थानों पर यदाकदा पुलिस और पब्लिक के बीच होने वाले विवाद और आरोप-प्रत्यारोप के मामलों में पारदर्शिता बढ़ेगी। मामले में गलती पुलिस वाले की है या आमजन की, इस बात का सहजता से पता चल जाएगा।