नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुधवार को शुरू किए गए ‘माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनेंस एजेंसी’ (मुद्रा) बैंक का उद्योग जगत ने स्वागत करते हुए कहा कि इससे सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उपक्रमों (एमएसएमई) को वित्तीय सहयोग मिलेगा जिससे आर्थिक विकास को गति मिलने के साथ रोजगार के अवसर बढ़ाने में मदद मिलेगी।
भारतीय उद्योग एवं वाणिज्य महासंघ (फिक्की) की अध्यक्ष डॉ. ज्योत्सना सूरी ने कहा कि देश में उद्यमशीलता की भावना का विकास करने के लिए एक समर्पित वित्तीय संस्थागत प्रणाली की जरूरत रही है। ऐसे में मुद्रा बैंक भूमिका नोडल वित्त एजेंसी के साथ ही वित्तीय संस्थान नियामक की होगी। हमें उम्मीद है कि इससे एमएसएमई के वित्तीय बोझ को कम करने में मदद मिलेगी।
उद्योग संगठन सीआईआई के अध्यक्ष सुमित मजुमदर ने कहा कि 20 हजर करोड़ रुपए के कोष के साथ शुरू किए गए मुद्रा बैंक लघु उद्योग को 10 लाख रुपए तक का ऋण मिलने से इस क्षेत्र के विकास की रफ़्तार तेज होगी। इससे अद्र्ध शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों में बढ़ोतरी होगी।
उन्होंने कहा कि मुद्रा बैंक से एमएसएमई क्षेत्र की विकास की गति तेज होगी जिससे देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में उनका योगदान मौजूदा 38 प्रतिशत से बढ़ाकर और अधिक करने में मदद मिलेगी। इससे छोटे स्तर पर कारोबार करने वाले युवकों, शिक्षित एवं कुशल श्रमिकों का विश्वास बढ़ेगा।