नई दिल्ली। मुंबई बम धमाके में फांसी की सजा काट रहे याकूब अब्दुल रज्जाक मेमन की पुनर्विचार याचिका को उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को खारिज कर दिया है। सर्वोच्च न्यायलय ने याचिका खारिज करते हुए फांसी की सजा बरकार रखने की घोषणा की।
मेमन ने अपनी याचिका में फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलने की अपील की थी।
मेमन ने अपनी याचिका में फांसी की सजा को निरस्त करने की मांग करते हुए दलील दी थी कि वह 19 वर्षो से सजा काट कर रहा है,जो उम्रकैद की सजा के बराबर है।
ऐसे में उसे फांसी नहीं दी जा सकती ऐसा करना उसके साथ ज्यादती होगी। ऐसे उसकी सजा दोहरी हो जाएगी। राष्ट्रपति ने भी याकुब की दया याचिका खारिज कर दी थी।
उच्चतम न्यायलय ने 21 मार्च 2013 को मुंबई ब्लास्ट केस में दोषी मानते हुए मेनन को फांसी की सजा सुनाई थी। उस हमले में कम से कम 257 लोगों की मौत हुई थी जबकि 700 लोग घायल हुए थे।