नई दिल्ली। प्रवासी भारतीयों को को अशांत यमन से सुरक्षित निकालने के लिए भारत सरकार की ओर से चलाया जा रहा ‘ऑपरेशन राहत‘ पूरा हो गया है।
केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह ‘ऑपरेशन राहत‘ खत्म कर भारतीयों के आखिरी जत्थे के साथ दिल्ली लौट आए हैं। युद्धग्रस्त यमन से करीब पांच हजार भारतीय निकाले गए हैं। इस ऑपरेशन के अंतिम दिन भी करीब 979 लोगों को भारत लाया गया। स्वदेश वापस आने पर वीके.सिंह का नायक की तरह स्वागत किया गया।
ऑपरेशन राहत पूरा कर स्वेदश लौटे वीके सिंह का हवाई अड्डे पर जोरदार स्वागत किया गया। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन राहत ने दुनिया में भारत को प्रशंसा दिलाई।
उन्होंने कहा कि ऑपरेशन राहत के तहत करीब पांच हजार लोग यमन से सुरक्षित निकाले गए। यमन से 110 लोगों को अपने एयरक्राफ्ट में बिठाकर लाए हैं। उनका कहना है कि यमन में हालात बेहद खराब हैं, लेकिन हमें वहां भारतीय को हर हाल में बचाना था और हमने ऐसा ही किया।
उन्होंने कहा कि यमन से भारतीय को निकालने के लिए जो हवाई अभियान शुरू किया गया था, वो पूरा हो गया। यमन में कुछ भारतीय ऐसे भी हैं जो वहां से आना नहीं चाहते, उनका हम कुछ नहीं कर सकते। लेकिन आते-आते मैं अपने एयरक्राफ्ट में जिबूती से 110 लोगों को युद्ध जैसे हालात से निकाल लाने में सफल रहा हूं।
यमन से भारतीयों को निकालने में हमें काफी चुनौतियां का सामना करना पड़ा। वहां से लोगों को बचाना हमारा काम था, जिसे हमने पूरी इमानदारी से अंजाम दिया। यमन से लगभग 5000 भारतीयों और 1000 विदेशियों को हमने सुरक्षित निकाला।
वहीं, मीडिया को प्रेस्टिट्यूट बताने वाली टिप्पणी पर वीके सिंह ने सफाई देते हुए कहा कि मैं यह नहीं कहता कि मीडिया में सभी भ्रष्ट लोग हैं। मेरा मानना है कि मीडिया में 90 प्रतिशत लोग अच्छे हैं लेकिन दस प्रतिशत लोगों की अपनी कार्यशैली में बदलाव लाने की जरुरत है।
भारत ने यमन के सबसे बड़े शहर सना से अपने अन्य 630 नागरिकों को लाने के साथ ही वहां से भारतीयों को निकालने से संबंधित हवाई अभियान संपन्न कर लिया। अब तक कुल 4,640 भारतीयों को युद्ध प्रभावित यमन से वापस लाया जा चुका है। इसके अलावा 41 देशों के 960 नागरिकों को भी भारत ने वहां से बाहर निकाला।
भारतीयों को वहां से निकालने के अभियान की निगरानी के लिए जिबूती गए विदेश राज्य मंत्री वी के सिंह ने बताया कि सना से लोगों को ले कर जा रहे विमान को बमबारी होने की वजह से रास्ता बदलना पड़ा। उन्होंने ट्वीट किया कि शुरू में हमें अनुमति नहीं दी गई, फिर बमबारी की वजह से विमान को रूकना पड़ा और हमें रास्ता बदलना पड़ा।
विदेश मंत्रालय ने बताया कि बचाव अभियान के तहत 5,600 से अधिक लोगों को वहां से निकाल लिया गया है। मंत्रालय के अनुसार, सना से एयर इंडिया के तीन विशेष विमानों से 630 से अधिक लोगों को लाए जाने के साथ ही भारत ने वहां से लोगों को हटाने के लिए तीन अप्रैल से शुरू किया गया अपना हवाई अभियान को समाप्त कर दिया।
गौरतलब है कि एक अप्रैल से 9 अप्रैल सुबह तक भारतीय वायुसेना के विमानों ने तकरीबन 18 उड़ानों के जरिए ऑरपेशन राहत को सफलता के अंजाम तक पहुंचाया। ऑरपेशन राहत में भारतीय नौसेना से जुड़ी आईएनएस सुमित्रा और आईएनएस मुंबई जहाजों के जरिए भी सैकड़ों लोग भारत लाए गए।