मुंबई। दक्षिण मुंबई में गुरुवार को जे.जे. हॉस्पिटल के पास एक छह मंजिला पुरानी इमारत ढह गई। हादसे में कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई और 20 अन्य घायल हो गए। सुबह करीब 8.25 बजे तेज आवाज के साथ ढही हुसैनी इमारत के मलबे के नीचे 60 और लोगों के दबे होने की आशंका है।
बीएमसी के एक आपदा प्रबंधन अधिकारी के अनुसार मलबे में फंसे लोगों को बचाने का काम युद्धस्तर पर जारी है। अधिकारी ने साथ ही कहा कि मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।
अधिकारी ने बताया कि इमारत ढहने के तीन घंटे के भीतर ही मलबे में दबे 20 लोगों को बचा लिया गया। इमारत दक्षिण मुंबई के बेहद तंग इलाके सी वॉर्ड में स्थित थी। बचाव टीमों को आपदा स्थल पर अपने बड़े वाहनों और भारी भरकम उपकरणों के साथ पहुंचने में काफी मशक्कत करनी पड़ी।
घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाया गया, जिनमें दो दमकल कर्मी भी हैं। एक महिला ने बताया कि इमारत में एक प्लेस्कूल भी था। जिस समय इमारत ढही, प्लेस्कूल उसके दो घंटे बाद खुलने वाला था।
दाउदी बोहरा समुदाय के सदस्यों और अन्य स्थानीय निवासियों ने अपने हाथों से मलबा हटाकर लोगों को बचाने का प्रयास शुरू कर दिया।
इमारत के मलबे को हटाने और उसके नीचे दबे लोगों को बाहर निकालने के लिए एनडीआरएफ की 90 सदस्यीय टीम, राज्य आपदा प्रबंधन, दमकल विभाग की 150 सदस्यीय टीम, दमकल की पांच गाड़ियों, दो जेसीबी मशीनों, एक क्रेन और अन्य मशीनों को लगाया गया है।
दोपहर में बीएमसी की एक बुलेटिन में बताया गया कि इमारत के भूतल पर एक खाली गोदाम था और शेष ऊपरी मंजिलों में 10 घर थे।
समाचार के अनुसार इमारत सैफी बुरहानी अपलिफ्टमेंट ट्रस्ट (एसबीयूटी) रिडेवलपमेंट ट्रस्ट का हिस्सा थी, जिसे छह साल पहले रिहाइश के लिए असुरक्षित घोषित कर दिया गया था।
बीएमसी के एक अधिकारी ने कहा कि 2011 में खतरनाक इमारत को खाली कराने का नोटिस जारी किया गया था और निवासियों को एसबीयूटी रिडेवलपमेंट ट्रस्ट के लिए उसे खाली करने का आदेश दिया गया था, लेकिन उन्होंने इन चेतावनियों को नजरअंदाज कर दिया।
अग्निशमन विभाग के अनुसार इमारत के दो खंड (विंग) पूरी तरह ढह गए। इमारत ढहने के कारण का पता लगाया जा रहा है।