वृंदावन। राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ने सिक्कम सेक्टर में चीन के साथ डोकलाम गतिरोध से ‘सख्ती से निपटने’ को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार की प्रशंसा की है।
आरएसएस नेता मनमोहन वैद्य ने रविवार को कहा कि वाह्य सुरक्षा के मुद्दे पर राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ की तीन दिवसीय समन्वय बैठक में चर्चा की गई।
उन्होंने मीडिया से कहा कि यह शायद पहली बार है कि भारत ने इस तरह मजबूत रुख अपनाया कि चीन को अपने बलों (डोकलाम से) को हटाना पड़ा। हालांकि, वैद्य ने उन रिपोर्टो को खारिज कर दिया कि आरएसएस ने इस बैठक के दौरान सरकार के कामकाज का जायजा लिया।
उन्होंने कहा कि यह सरकार के प्रदर्शन की समीक्षा करने का मंच नहीं है। आरएसएस नेता ने कहा कि संगठन ने युवाओं के लिए नौकरियों की कमी पर चिंता जाहिर की और कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार को देश में ज्यादा नौकरियां पैदा करने के लिए काम करना चाहिए।
वैद्य ने कहा कि आरएसएस का विचार है कि समाज को आगे आने व रोजगार बढ़ाने में योगदान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमारे देश में बड़ा तबका नौजवानों का है। इनके लिए रोजगार पैदा करने की जरूरत है। सिर्फ सरकार ही नहीं, समाज को भी आगे आकर इसमें योगदान करना चाहिए।
आरएसएस नेता ने कहा कि 2019 के आम चुनावों व रविवार के मंत्रिमंडल फेरबदल पर बैठक में चर्चा नहीं हुई थी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के अध्योध्या में राम मंदिर के मुद्दे पर चर्चा नहीं की गई क्योंकि यह मामला सर्वोच्च न्यायालय में है जो जल्द ही इस पर सुनवाई करने जा रहा है।
वैद्य ने कहा कि बदलते वैश्विक परिदृश्य में, नई विश्व व्यवस्था में भारत की भूमिका व कैसे इसे बेहतर तरह से निभाया जा सकता है, बैठक में इस पर चर्चा का मौका मिला। आरएसएस और उसके अनुषांगिक संगठनों की वार्षिक समन्वय समिति बैठक यहां एक सितंबर को शुरू हुई थी।