शिएमेन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से द्विपक्षीय मुलाकात से पहले मंगलवार को शिएमेन में हो रहे ब्रिक्स सम्मेनल से इतर भारत ने संकेत दिए हैं कि वह विवादित डोकलाम मुद्दे को दफन कर उससे आगे बढ़ना चाहता है।
डोकलाम विवाद की वजह से भारत और चीन के बीच लगभग दो महीने तक गतिरोध था। सूत्र के मुताबिक हम भविष्य में सौहार्दपूर्ण संबंधों के लिए डोकलाम मुद्दे को दफन करना चाहते हैं।
डोकलाम को लेकर चीन और भारत के बीच दो महीने तक चले सैन्य गतिरोध से द्विपक्षीय संबंध बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। हालांकि, इस विवाद को बीते सप्ताह सुलझा लिया गया था और दोनों देशों की सेनाएं इस विवादित क्षेत्र से पीछे हट गई थीं।
सूत्र ने बताया कि दोनों देशों के लिए इस मुद्दे से आगे बढ़ना महत्वपूर्ण है। तीन दिवसीय ब्रिक्स सम्मेलन से इतरह मोदी और शी जिनपिंग की मुलाकात होगी। इस दौरान विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हो सकती है।
शी जिनपिंग ने रविवार को ब्रिक्स बिजनेस फोरम के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कहा था कि लोग संघर्ष नहीं शांति चाहते हैं अंतरराष्ट्रीय ज्वलंत मुद्दों को सुलझाना आवश्यक था।
बीते सप्ताह चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा था कि चीन इस विवाद को दीर्घकालीन समाधान चाहता है।
इसके अलावा भारत ने आतंकवाद को लेकर ब्रिक्स के संयुक्त घोषणापत्र पर जोर दिया। इस पर रविवार रात तक विचार-विमर्श हुआ था। सूत्र ने बताया कि हम आतंकवाद पर संयुक्त घोषणापत्र जारी होने की उम्मीद करते हैं।
मोदी ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) के तीन दिवसीय सम्मेलन में शिरकत करने के लिए रविवार को शिएमेन पहुंच गए थे।
चीन ने सम्मेलन के लिए विशेष अतिथि देशों के तौर पर मिस्र, केन्या, ताजिकिस्तान, मेक्सिको और थाईलैंड को भी आमंत्रित किया है।