सबगुरु न्यूज उदयपुर। उदयपुर जिले में एक ऐसा गांव है जिसे गुरुओं का गढ़ कहा जाता है। हर घर में एक सर या मैडम रहते हैं। हर घर में एक शिक्षक हो तो फिर शिक्षा का स्तर बेहतर होना लाजमी है। यहां के बच्चे पढ़ाई में अव्वल आते हैं, तो वहीं शिक्षक भी कई स्तरों पर सम्मानित हो चुके हैं।
उदयपुर जिले के गांव गादोली से 170 शिक्षकों ने समाज में अपना विशेष स्थान बनाया है। ये सभी शिक्षक राजकीय विद्यालयों में कार्यरत हैं। इस गांव में सरकारी नौकरी के प्रति रूझान ऐसा है कि शिक्षा प्राप्त करने के साथ ही युवा प्रतियोगी परीक्षा की तैयारियों में लग जाते हैं। गांव में सिर्फ पुरुष ही नहीं महिलाएं भी साक्षर हैं और सरकारी नौकरी कर रही हैं।
कभी मिट्टी उड़ाती सड़कों और शहर से कटे गांव के रूप में पहचाने जाने वाले गादोली को अब शिक्षा की नगरी के नाम से जाना जाने लगा है। यहां के कई शिक्षक और शिक्षिकाएं राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर सम्मानित हो चुके हैं। इस गांव के प्रत्येक घर से कम से कम दो व्यक्ति ऐसे हैं जो सरकारी सेवा में शिक्षक, चिकित्सक, इंजीनियर, प्राफेसर जैसे पदों पर कार्यरत हैं। सम्भाग में सर्वाधिक शिक्षकों वाले इस गांव के अधिकतर बच्चे यहां के राजकीय विद्यालय में ही शिक्षा प्राप्त करते हैं। यह विद्यालय जिले में अध्यापकों की नर्सरी के तौर पर विख्यात हैं।
गांव के शिक्षक नेता श्यामलाल आमेटा के अनुसार इस गांव के प्रत्येक घर में एक अध्यापक है। गांव के अधिकांश युवा स्नातक हैं। इनमें से कई ने बीएड कर शिक्षक बनने की ठान रखी है। इस गांव में मुख्य रूप से आमेटा ब्राह्मण परिवार निवास करते हैं। गांव की महिलाएं भी बड़ी संख्या में सरकारी नौकरी में हैं। यहां 45 महिला शिक्षक हैं और 56 सेवानिवृत्त शिक्षक भी हैं। इसके अलावा गांव के योगेश आमेटा महाराष्ट्र में सत्र न्यायाधीश के पद पर कार्यरत हैं।