28 अगस्त से हर सोमवार से शुक्रवार रात 8.00 बजे ’स्टार भारत’ पर प्रसारित हो रहा है। मुंबई रू किसी भी टीवी शो में एक ऐसा परिवार मनोरंजन का सबसे महत्वपूर्ण मसाला रहा है, जिसमें किचन पॉलिटिक्स की मास्टर माइंड सास से जुड़ी कहानी हो।
दशकों से हमने छोटे पर्दे की सास और उसके महिमा मंडित होने के खट्टे-मीठे तरीकों और उससे जुड़े षड्यंत्रों को देखा है। लेकिन, ऐसी सास के बारे में क्या कहा जाए, जिस पर अपनी बहू को सँभालने की बजाय अपने बेटे के लिए एक परफे़क्ट पंचगुणी दुल्हन तलाश करने की सनक सवार है। अब यह पहली बार होगा, जब किसी सास को इस लालच के लिए भगवान द्वारा कसौटी पर कसा जाएगा! ये परिस्थितियाँ दर्शकों के लिए ऐसी कॉमेडी प्रस्तुत करेंगी, जो पूरे समय उन्हें बाँधकर रखेगी।
जब ज्यादा समझदार माँएँ भी अपने बेटों के लिए दुल्हन खोजती हैं, तो वे हद से ज्यादा नासमझ साबित होती हैं। अधिकांश माँएँ यह मानती हैं, कि उनके बेटे एकदम परफ़ेक्ट हैं। 21वीं सदी की सास को एक ऐसी बहू चाहिए, जो न केवल खूबसूरत हो, बल्कि बेहतरीन रसोई बनाती हो और धार्मिक भी हो! उन्हें ऐसी बहू चाहिए जो खूब पढ़ी-लिखी हो, साथ ही उसके बेटे को हमेशा व्यस्त रखने के लिए अच्छी खासी रोमांटिक भी हो।
इस मनोवृत्ति को सुधारने के लिए ’स्टार भारत(लाइफ ओके रू रिब्रांडेड)’ ने ऑप्टिमिस्टिक्स के सहयोग से एक हलके-फुल्के और मजेदार तरीके से गुदगुदाने वाली सिटकॉम ’क्या हाल मिस्टर पांचाल’ को पेश किया है। इसमें कंचन गुप्ता ने जरूरत से ज्यादा रौबदार सास और मनिंदर सिंह ने आज्ञाकारी बेटे की भूमिकाएँ निभाई हैं। शो में दिखाया गया है, कि जब एक माँ अपने बेटे के लिए 5 गुणों वाली परफ़ेक्ट बहू के लिए प्रार्थना करते हुए हार जाती है, तो इसके क्या नतीजे होते हैं।
इसमें एक से बढ़कर एक मजेदार घटनाक्रम सामने आते हैं। बहू की आस वाली सास को आखिरकार अपने सवालों का जवाब तो मिलता है, लेकिन इसके पहले शो की कहानी किन-किन मजेदार मोड़ों से गुजरती है, यह देखने वाली बात होगी। यह सिटकॉम एक ऐसी सास की हालत को बयान करता है, जिसे 5 गुणों वाली एक बहू के बजाए एक-एक गुण वाली पाँच बहुएँ मिलती हैं। यह अनोखी स्थिति हास्य घटनाओं को जन्म देती है, जो हमें याद दिलाती हैं कि जब हम भगवान से कोई कामना करते हैं, तो हमें उसके बारे में हमेशा सावधान रहना चाहिए! हमें याद रखना चाहिए कि ’लालच बुरी बला है’ और शायद इसीलिए भगवान शिवजी कुंती देवी को 5 बहुएँ देकर ये शिक्षा देते हैं कि लालच करना कभी अच्छा नहीं होता।