सबगुरु न्यूज़ उदयपुर। उदयपुर शहर यूं तो स्मार्ट सिटी की श्रेणी में शुमार हो गया है, लेकिन इसके चौराहों पर कुछ मिनट कोई रुक कर नजारा देख ले तो खुद ब खुद समझ में आ जाएगा कि ये कैसा स्मार्ट सिटी है जहां चौराहों पर कहीं बत्ती नहीं है और कहीं है तो उसका पालन करने वाले नहीं हैं और जिनकी जिम्मेदारी इसकी पालना करवाने की है, वे एक कोने में खड़े रहकर बस कुछेक को पकडऩे की राह तकते नजर आते हैं।
शहर के कुम्हारों के भट्टा स्थित चौराहे को ही देख लें। यहां चौतरफा चल रहे वाहनों से कई बार यातायात व्यवस्था अव्यवस्थित हो जाती है। गुरुवार को भी ऐसी स्थिति बनी। इस दौरान जिम्मेदार कर्मी अपना काम छोड़कर सुस्ती करते नजर आए। ट्रैफिक पुलिस मौके पर मौजूद होने के बावजूद भी चौराहे पर स्थिति नहीं संभालने से चारों तरफ वाहन बिना सिग्नल के चल रहे थे।
टै्रफिक दबाव वाले शहर के इस मुख्य मार्ग पर स्थित इस कुम्हारों का भट्टा चैराहे पर आए दिन यह स्थिति बन जाती है। अब सवाल यह उठता है कि ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू करने के प्रति जिम्मेदार कर्मियों को कोई परवाह नहीं है। चौतरफा वाहनों के दबाव से अगर कोई हादसा हो जाए तो उसका जिम्मेदार कौन होगा।
अगर किसी चालक को दण्डित करना हो तो ये कर्मी मौका नहीं चूकते, पर जब वे अपनी ड्यूटी पर होते हुए भी कोने में खड़े रहते हैं, तब ना जाने कितने लोग सिग्नल तोड़ते हैं। जिससे यातायात व्यवस्था तो प्रभावित होती है, साथ ही कोई बड़ा हादसा होने की आशंका भी रहती है। ऐसे व्यस्त चैराहे के इस हाल पर ही सवाल उठता है कि ये कैसा स्मार्ट सिटी है।