– चोटिला में गौतम ऋषि मेले में गंगा अवतरण के बाद किया अस्थि विसर्जन व पूजा पाठ
सिरोही। पोसालिया के निकट मंगलवार दोपहर को लाखों आंखों ने गंगा अवतरण का अद्भुत नजारा देखा। एक ऐसी परम्परा जो सैंकडों वर्षों से यहां की चोटिला क्षेत्र में स्थित गौतम ऋषि मेले में साकार होती आ रही है। यहां पर विशेष नक्ष़त्र पर प्रतिवर्ष गंगा अवतरण होता है। साल भर खाली रहने वाले इस क्षेत्र की सूखी नदी मंे एकाएक पानी आता है। मंगलवार को यही दिन था।
नक्षत्रों के अनुसार मंगलवार की दोपहर को 1 बजकर 45 मिनट पर यहां के गंगाकुण्ड में गंगा अवतरण हुआ और जल स्तर बढने लगा। इसी के साथ गंगा मैया और गौतम ऋषि के जयकारे गूंजने लगे। इसके साथ ही मीणा समाज की धार्मिक और सामाजिक परम्पराएं शुरू हुई। इस स्थान पर सिरोही, जालोर और पाली जिले के मीणा समाज के लोग एकत्रित होते हैं और एक भव्य मेला लगता है। मेला भी ऐसा कि देखते ही बनता है।
विसर्जित की अस्थियां
गंगाकुंड में गंगा अवतरण के बाद मीणा समाज के लोगों ने गत एक वर्ष में दिवंगत हुए अपने परिजनों की अस्थियों का विसर्जन किया। इसके बाद सामाजिक व धार्मिक क्रियाकलाप शुरू हुए। तीन दिन चलने वाले इस मेले में मीणा समाज के लोगों ने सामाजिक बैठकें व निर्णय किये तो समाजबंधुओं ने वैवाहिक संबंध भी तय किये।
नहीं होता पुलिस का प्रवेश
यह एक ऐसा मेला है, जिसकी व्यवस्था गौतम ऋषि मंदिर की मीणा समाज बंधुओं की ट्रस्ट ही संभालती है। यहां पर वर्दी के अंदर किसी पुलिसकर्मी का प्रवेश वर्जित होता है। स्वअनुशासन का अनोखा उदाहरण है यह मेला। लाखों लोगों के एकत्रित होने के बावजूद व्यवस्थाएं इतनी चाक चैबंद होती हैं कि इसे देख लोग दंग रह जाते हैं।
पिशवान जी में भी अवतरित हुए गंगा
सिरोही जिले में तीन स्थानों पर प्रतिवर्ष वैशाख मास की द्वादशी पर विशेष योग बनता है। और एक निश्चित समय पर सिरोही जिले में तीन स्थानों पर गंगा अवतरण होता है। इसमें अजारी, सिरोही शहर की पिशवानिया पहाडी पर स्थिति पिशवानिया महादेव मंदिर स्थित कुंड तथा चोटिला स्थित गौतम ऋषि मंदिर के गंगा कुंड में। यहां बने कुंडों में विशेष समय में अपने आप जल आने लगता है और निश्चित समय के बाद यह कुंड खाली भी हो जाते हैं।