मुंबई। छात्रों के हक की लड़ाई लड़ रहे एक गैर लाभकारी संगठन मिथिला लोक फाउंडेशन ने शुक्रवार को कहा कि उदाहरण पेश करने के लिए रेयान ट्रस्टियों को जरूर जेल भेजा जाना चाहिए।
बंबई उच्च न्यायालय ने गुरुवार को रेयान ट्रस्टियों की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। मिथिला लोक फाउंडेशन के अध्यक्ष बीरबल झा ने बताया कि कानूनी दल रेयान ट्रस्टियों की जमानत याचिका का विरोध करने के लिए नई दिल्ली और गुरुग्राम में तैयार हैं।
ट्रस्टी यहां अपनी अग्रिम जमानत याचिका दाखिल कर सकते हैं। झा सात वर्षीय प्रद्युम्न के माता-पिता को उसकी हत्या के मामले में कानूनी सहायता पहुंचा रहें हैं।
झा ने बताया कि बंबई उच्च न्यायालय ने शुक्रवार शाम पांच बजे तक ट्रस्टियों की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी, इसलिए ये लोग राहत के लिए उच्चतम न्यायालय या चंडीगढ़ उच्च न्यायालय जा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि हमारे वकील दोनों न्यायालय में मौजूद हैं। हम उदाहरण पेश करने के लिए ट्रस्टियों को को जेल में भेजने का पूरा प्रयास करेंगे।
बंबई उच्च न्यायालय ने गुरुवार को अपने आदेश में रेयान ट्रस्टियों को रात नौ बजे तक अपने पासपोर्ट मुंबई पुलिस के समक्ष जमा कराने के लिए कहा था और ऐसा न करने पर उन्हें शुक्रवार शांम पांच बजे तक गिरफ्तारी पर लगी रोक समाप्त हो जाती। इसके बाद ट्रस्टियों ने मुंबई पुलिस के पास अपने पासपोर्ट जमा करा दिए थे।
स्कूल सूत्रों के मुताबिक ट्रस्टी अगस्टीन एफ पिंटो अल्जाइमर समेत कई बीमारियों से जूझ रहें हैं। वहीं स्वतंत्र कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि ट्रस्टियों की जमानत याचिका मंजूर नहीं किए जाने की स्थिति में इन लोगों को शाम पांच बजे तक पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण करना होगा या इनकी गिरफ्तारी होगी।