भागलपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघ चालक मोहन राव भागवत ने कहा कि वर्तमान युवा देश का सर्वांगीण विकास चाहता है और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़ना भी चाहता है। जरूरत है कि स्वयंसेवक उनके बीच जाएं और उन्हें संस्कृति तथा राष्ट्र निर्माण की पूरी जानकारी दें।
उक्त बातें उन्होंने बिहार एवं झारखण्ड के स्वयंसेवकों के क्षेत्रीय प्रशिक्षण वर्ग को संबोधित करते हुए कही। भागवत ने कहा कि संस्कृति, हिन्दुत्व और राष्ट्र निर्माण के लिए स्वयंसेवक समाज में राष्ट्र भक्ति की रस भरे। उन्हें दायित्व का बोध करायें, क्योंकि आज संपूर्ण समाज के लोग स्वयंसेवकों को आशा भरी नजरों से देख रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भारत की पहचान हिन्दुत्व से है और हिन्दुत्व जीवनयापन की एक पद्धति है। पर इसका आशय यह नहीं है कि भारत में रहनेवाले अन्य मत के लोगों के हम विरोधी हैं। हम किसी के विरोधी नहीं हैं बल्कि हम हिन्दुत्व समर्थक हैं।
सर संघचालक ने कहा कि समाज में फैली कुरीतियां तभी दूर होगी जब हमारे स्वयंसेवक अच्छे कार्यकर्ता बनेगें। कार्यकर्त्ता के बल पर अच्छे समाज का निर्माण होगा। तभी समाज के हर व्यक्ति अपनी संस्कृति के प्रति जागरूक होगें।
उन्होंने कहा कि आज भारत की प्राचीन संस्कृति के आलोक में मौजूदा सामाजिक परिदृष्य को ठीक करने की बड़ी चुनौती है। ऐसे में संघ का यहीं ध्येय है और प्रत्येक स्वयंसेवक की यह जिम्मेदारी भी है कि वे समाज के हर वर्ग के लोगों में देष भक्ति का जज्बा जगाएं।
भागवत ने कहा कि आज विदेशों में रहनेवाले भारतीय युवकों में आशा जगाने का काम संघ ने किया है और इसके अच्छे परिणाम भी आ रहे हैं। उन युवकों में अपनी संस्कृति और देशभक्ति के प्रति आस्था बढ़ी है। संघ के इस क्षेत्रीय प्रशिक्षण वर्ग में बिहार और झारखंड के 300 सौ स्वयंसेवक शामिल हो रहे हैं।