-उपखण्ड मजिस्ट्रेट ने किया निरीक्षण
सिरोही। जिला कारागार के निरीक्षण के दौरान उपखण्ड मजिस्ट्रेट ओमप्रकाश बिश्नोई को वहां के एक कैदी ने उसके पास रखा मोबाइल सौंपा। सबगुरु न्यूज को विश्वस्त सूत्रों से जेल में नये कैदियों से पैसा वसूली और मोबाइल होने की सूचना से उपखण्ड मजिस्ट्रेट को अवगत करवाया तो उन्होंने जेल का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान सुरेन्द्रसिंह नाम के एक कैदी ने उन्हें उसके पास रखा मोबाइल सौंपा। उसने बताया कि जेल में करीब एक दर्जन मोबाइल हैं। इस पर उपखण्ड मजिस्ट्रेट ने अन्य बैरकों तथा शौचालयों आदि में निरीक्षण किया और कैदियों से भी पूछताछ की, लेकिन अन्य मोबाइल बरामद नहीं हो सके।
फोन पर बताया कि लेते हैं पैसे
सिरोही जिला कारागार के ही कैदी ने बुधवार को सबगुरु न्यूज को फोन करके इस बात की जानकारी दी कि सिरोही जिला कारागार में काफी मोबाइल हैं, जिसके लिए प्रति मोबाइल तीन हजार रुपये सेवा शुल्क लिया जाता है। इतना ही नहीं जेल में नए आए कैदियों से दुव्र्यवहार और प्रताडि़त करके उनके परिजनों से पैसा वसूलने के गोरखधंधे की भी जानकारी फोन पर दी गई। इसके बाद सबगुरु न्यूज ने गुरुवार सवेरे उपखण्ड मजिस्ट्रेट ओमप्रकाश बिश्नोई को इस सबसे अवगत करवाया। जिस पर बिश्नोई ने जेल का निरीक्षण किया।
खाना नहीं बनाते तो लेते हैं पैसा
जेल में निरीक्षण के दौरान पैसा वसूलने की बात सामने आई। उपखण्ड मजिस्ट्रेट ने इस संबंध में जानकारी जुटाई तो उन्हें एक कैदी ने बताया कि उसके परिवार से दो हजार रुपये लिये थे, लेकिन किसने लिये थे यह नहीं बताया। सबुुगुरु न्यूज को बताया था कि जेल में नये कैदियों को अलग से बैरक में डाला जाता है। वहां पर एनडीपीएस के कैदियों को जेल प्रशासन उनके साथ छोड़ देता है, जो नये कैदियों को परेशान करते हैं और उनसे पैसा वूसलते हैं। सूत्र का आरोप था कि वसूली में जेल प्रशासन सहयोग करता है। पैसा नहीं देने पर उनसे टॉयलेट आदि साफ करवाया जाता है। वैसे उपखण्ड मजिस्ट्रेट ने इस संबंध में जब जेल कार्मिकों से जानकारी ली तो उन्होंने यह बताया कि जो लोग खाना बनाने का काम नहीं करते उनसे पैसे लिये जाते हैं। ऐसा कोई नियम है या नहीं है इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई।
खुलासे होते तो यह नहीं होता
जेल में मोबाइल मिलने का यह पहला मामला नहीं है। तीसरी बार जांच में मोबाइल व इसके उपकरण मिलने की घटना हुई है। इन मामलों की जांच नहीं होने से जेलें संगठित अपराधों के संचालन की सबसे सुरक्षित जगह बन गई है। वैसे निरीक्षण के दौरान हर अधिकारी यह मानता है कि इसमें जेल कार्मिकों की मिलीभगत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, लेकिन कभी भी जांच अधिकारी इस मिलीभगत का खुलासा नहीं कर पाए या फिर यूं कहा जाए कि इन मामलों के खुलासे नहीं होना जांच अधिकारियों की अकर्मण्यता की ओर इशारा कर रहा है।
बीड़ी का बंडल भी मिला
जेल में बीड़ी का बंडल भी मिला, इस संबंध में जांच करने पर उपखण्ड अधिकारी को जेल प्रशासन ने बताया कि दो बंडल दिये जाने का प्रावधान है। निरीक्षण के दौरान कैदियों ने मीनू की भी शिकायत की। उन्होने बताया कि एक महीने से एक ही मीनू दिया जा रहा है, इस पर बिश्नोई ने मीन परिवर्तित करने के निर्देश दिये। जेल में पेयजल व्यवस्था के लिए उन्होंने पांच टैंकर डलवाने की भी बात कही। उल्लेखनीय है कि जेल में पेयजल समस्या का स्थायी निराकरण नहीं हो पा रहा है।
बाली के भी कैदी
बाली जेल में मरम्मत का काम चलने के कारण वहां के करीब दस कैदियों को भी यहां पर लाया गया है। जेल में क्षमता से ज्यादा कैदी होने से सुविधाएं पर्याप्त नहीं मिल पा रही हैं। निरीक्षण के दौरान उपखण्ड अधिकारी ने रजिस्टर भी देखा। इस दौरान अनुपस्थित कार्मिकों की अनुपस्थिति लगाई।
इनका कहना हे…
जेल में पुराने कैदी और कुछ एनडीपीएस के मामलों के विचाराधीन कैदी हैं। कुछ कैदियों के परेशानी का सबब होने की जानकारी मिली है। इसकी जांच करके इन्हें अन्यत्र शिफ्ट करने की व्यवस्था करेंगे। जेल में इनमें गुटबाजी सामने आई है। एक कैदी ने खुद ही मोबाइल सौंपते हुए बताया कि जेल में मोबाइल का चलन है। पूर्व में भी पैसा लेने की बात सामने आई थी, लेकिन लिखित शिकायत नहीं मिलने से जांच कर पाए थे, इस बार इस पर गंभीरता से जांच करेंगे।
ओमप्रकाश बिश्नोई
उपखण्ड मजिस्ट्रेट, सिरोही।