गुरुग्राम। रेयान इंटरनेशनल स्कूल सात वर्षीय छात्र प्रद्युम्न की हत्या के दस दिन बाद सोमवार को फिर खुल गया। हरियाणा सरकार द्वारा स्कूल प्रबंधन को निलंबित करने और गुरुग्राम के डिप्टी कमिश्नर विनय प्रताप सिंह को नए व्यवस्थापक के तौर पर नियुक्त करने के बाद स्कूल को दोबारा खोला गया है।
किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोकने के लिए गुरुग्राम के भोंडसी में स्थित इस स्कूल परिसर में मीडिया के घुसने पर भी रोक लगा दी गई है। हालांकि प्रद्युम्न के पिता वरुण ठाकुर ने स्कूल खुलने का विरोध जताया है।
ठाकुर ने कहा कि स्कूलों ने सबूतों से छेड़छाड़ की, खून के निशान मिटाने की कोशिश भी हुई फिर भी स्कूल को कैसे खुलने दिया जा सकता है। गुरुग्राम पुलिस के डिप्टी कमिश्नर विनय प्रताप सिंह भी स्कूल पहुंच गए।
सवेरे स्कूल खुलते ही बच्चों का आना शुरू हो गया। हालांकि स्कूल में घटित हादसे से बच्चे सहमें नजर आए। कई बच्चों को उनके अभिभावक लेकर पहुंचे।
इस बीच स्कूल खोले जाने को लेकर हत्या का शिकार हुए सात साल के मासूम प्रद्युम्न ठाकुर के पिता वरुण चंद्र ठाकुर ने कहा कि स्कूल खुलने से वहां मौजूद साक्ष्य और न्याय संबंधी सारे सबूत खत्म हो जाएंगे। इसीलिए स्कूल को तब तक बंद रखा जाए, जब तक सीबीआई प्रारंभिक जांच नहीं कर लेती।
वरुण के वकील सुशील टेकरीवाल ने कहा कि रेयान स्कूल खुलने से वहां मौजूद साक्ष्य और न्याय संबंधी सबूत नष्ट हो जाएंगे। इसके खत्म होने से सीबीआई की जांच सीधे तौर पर प्रभावित होगी। लिहाजा, स्कूल को तत्काल प्रभाव से बंद रखा जाना चाहिए जब तक कि सीबीआई अपनी प्रारंभिक जांच पूरी नहीं कर लेती।
उल्लेखनीय है कि कक्षा दो के छात्र प्रद्युम्न की आठ सितंबर को टॉयलेट में गला काटकर नृशंस हत्या कर दी गई थी। बस के एक कंडक्टर को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया है और पुलिस ने बस कंडक्टर अशोक कुमार (42) को इस हत्या के लिए जिम्मेदार ठहराया है।
पुलिस का कहना है कि अशोक ने बच्चे का यौन शोषण करने की कोशिश की, जिसमें विफल रहने पर उसने बच्चे की चाकू से गला काटकर हत्या कर दी।
प्रद्युम्न के पिता 8 सितंबर की सुबह बेटे को स्कूल पहुंचाकर घर लौटे और एक घंटा बाद ही उसे स्कूल के टॉयलेट में खून से लथपथ, मृत पाया गया था। इस घटना के बाद समूचे देश में स्कूलों की सुरक्षा व्यवस्था और बच्चों की सुरक्षा राष्ट्रीय मुद्दा बन गई है। हरियाणा सहित कई राज्यों में चल रहे रेयान स्कूल के बाहर अभिभावकों और आक्रोशित लोगों ने प्रदर्शन किया था।