वैंकूवर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन देशों की अपनी यात्रा के आखिरी दिन कनाडा के वैंकूवर में खालसा दीवान गुरुद्वारा और लक्ष्मी नारायण मंदिर जाकर मत्था टेका। उन्होंने कनाडा के प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर द्वारा आयोजित आधिकारिक भोज में भी शिरकत की। इसके बाद वह भारत के लिए रवाना हुए।
भारत के लिए रवाना होने से पहले अपने ट्वीट में मोदी ने कहा कि मैंने असीम संतोष के साथ कनाडा छोड़ा है। इस दौरे से भारत और कनाडा के रिश्तों में आगे मजबूती आएगी। कनाडा के लोगों को बहुत-बहुत धन्यवाद।
नरेंद्र मोदी ने ट्विटर पर लिखा, ‘प्रधानमंत्री हार्पर का विशेष धन्यवाद। वह एक बेहतरीन मेजबान, एक अद्भुत इंसान और एक बहुत प्रिय मित्र हैं।’ प्रवासियों से जुड़े दो धर्मस्थल पर जाने के अलावा मोदी ने ब्रिटिश कोलंबिया के प्रीमियर से भी मुलाकात की।
मोदी के कनाडा के दौरे के दौरान निरंतर उनके साथ रहे कनाडा के प्रधानमंत्री ने वैंकूवर अंतर्राष्ट्रीय हवाईड्डपर उनकी अगवानी की। इसके अलाना वह रॉसल स्ट्रीट स्थित खालसा दीवान गुरुद्वारा और वैंकूवर स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर गए।
हार्पर ने मोदी के लिए पिनेकल वैंकूवर हार्बरफ्रंट होटल में एक आधिकारिक भोज का आयोजन किया। मोदी और हार्पर गुरुद्वारा के भीतर एक कपड़े से सिर ढककर पहुंचे। सिख मान्यताओं के अनुसार गुरुद्वारा में नंगे सिर नहीं जाया जाता।
दोनों नेताओं को गुरुद्वारा के अधिकारियों ने पीले रंग का सरोपा, सम्मान का दुपट्टा और एक तलवार भेंट की। प्रार्थना के दौरान दोनों नेता हाथ जोड़कर खड़े रहे। कनाडा में भारतीय मूल के 12 लाख लोग रहते हैं, जिनमें से ज्यादातर लोग वैंकूवर में ही रहते हैं।
मोदी ने इस दौरान गुरुद्वारा के बाहर एकत्रित भीड़ को संबोधित करते हुए गुजरात में अपने मुख्यमंत्री पद के कार्यकाल के दौरान लखपत स्थित गुरुद्वारे के पुनर्निर्माण के बारे में बताया।
उन्होंने कहा कि लखपत गुरुद्वारे में गुरुनानक साहब 15 दिन रुके थे। यह गुरुद्वारा 2001 में आए भूकंप में क्षतिग्रस्त हो गया था और इसका सफलतापूर्वक पुनर्निर्माण किया गया। मोदी ने गुरुवार को गुरुद्वारे में कहा कि हमें जीवन को मानवता के रंगों से भरना चाहिए और मानवता की सेवा करनी चाहिए।
मोदी और हार्पर ने कोमगाता मारू संग्रहालय का भी दौरा किया। यह संग्रहालय उस स्टीमर की याद में बनाया गया है जिस पर सवार होकर ब्रिटिश भारत से 376 पंजाबी यात्री 1914 में वैंकूवर पहुंचे थे।
इसमें से केवल 24 यात्रियों को कनाडा में प्रवेश दिया गया था, बाकी 352 यात्रियों के साथ जहाज को वापस भारत भेज दिया गया था। वैंकूवर में लक्ष्मी नारायण मंदिर में मोदी और हार्पर को शॉल प्रदान किया गया और पुजारी ने उनके माथे पर ङ्क्षसदूर का टीका लगाया।
लक्ष्मी नारायण मंदिर में मोदी ने कनाडा के प्रधानमंत्री हार्पर और कनाडा वासियों को उनका गर्मजोशी भरा स्वागत एवं मेहमान नवाजी करने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने हिन्दुत्व को एक जीवन पद्धति बताया है।
उन्होंने उपस्थित जन-समूह से प्रकृति और करुणा के साथ संतुलन बनाते हुए वैज्ञानिक तरीके से जीवन जीने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि हाल ही में संयुक्त राष्ट्र संघ ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में अपनाया है और 177 देशों ने भारत के प्रस्ताव का सह-प्रायोजन किया था।
उन्होंने कहा कि योग में आधुनिक जीवन के तनाव पर विजय पाने में विश्व को मदद देने की काफी क्षमता है। उन्होंने लोगों से इस संदेश को प्रचारित करने का आग्रह किया।
प्रधानमंत्री मोदी और कनाडा के प्रधानमंत्री हार्पर ने कोमागाटामारू संग्रहालय का भी दौरा किया। मोदी नौ अप्रेल से 17 अप्रेल तक तीन देशों के दौरे पर थे। इस दौरान वे फ्रांस, जर्मनी और कनाडा के दौरे पर गए।