संयुक्त राष्ट्र। अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने पहले संबोधन में मंगलवार को अपनी उपलब्धियों का ढिंढोरा पीटा और उत्तर कोरिया के समूल नाश का संकल्प लिया। उन्होंने उत्तर कोरियाई शासन को अपराधियों का एक गिरोह बताया।
कोरियाई प्रायद्वीप में बढ़ते संकट के बीच ट्रंप ने उत्तर कोरिया को धरती की मुसीबत करार दिया। इसके कुछ ही क्षण बाद उन्होंने उत्तर कोरिया का नाम लिया और उस देश में मानवाधिकार उल्लंघनों की एक सूची गिनाई।
उत्तर कोरिया के परमाणु खतरे के बारे में उन्होंने प्योंगयांग की सरकार को दुष्ट और अपराधियों का गिरोह करार दिया। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र से आग्रह किया कि वह इसपर और भी प्रतिबंध लगाए और इसे अलग-थलग कर दे। इसके साथ ही ट्रंप ने इस देश के समूल नाश की धमकी दी।
उन्होंने उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग-उन को रॉकेट मैन करार दिया और कहा कि तानाशाह अपने परमाणु कार्यक्रम के साथ एक आत्मघाती मिशन पर है। ट्रंप ने जनवरी में राष्ट्रपति का पद संभाला था और इस मौके पर उन्होंने अपनी उपलब्धियों के बारे में भी बात की।
उन्होंने अपने संबोधन की शुरुआत में कहा कि जब से उन्होंने व्हाइट हाउस में कदम रखा है, अमरीका ने अच्छा काम किया है। शेयर बाजार सर्वाधिक ऊंचाई पर गया और अमरीका में बेरोजगारी सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई।
ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र में मौजूद दुनिया के नेताओं से कहा कि आतंकवादी हर जगह सिर उठा रहे हैं, लेकिन उन्होंने कहा कि शांति संभव है।
ट्रंप ने कहा कि सीधे कहा जाए तो हम एक ऐसे समय में मिल रहे हैं, जब अपार वादे और बड़े खतरे दोनों हैं। आतंकवादी और चरमपंथी दोनों ने ताकत हासिल की है और वे धरती पर हर जगह फैल गए हैं।
उन्होंने कहा कि अमरीका सैन्य शक्ति के जरिए वैश्विक अस्थिरता का मुकाबला करने के लिए तैयार है। हमारी सेना जल्द ही अबतक की सबसे मजबूत स्थिति में होगी।