नई दिल्ली। मणिपुर के एक 22 वर्षीय युवक की मौत के मामले में उसके रिश्तेदारों और दोस्तों ने सीबीआई जांच की मांग की है।
परिवार ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि उन लोगों द्वारा लापता युवक की रिपोर्ट दर्ज कराने के बावजूद परिवार को सूचित किए बिना पुलिस ने युवक का अंतिम संस्कार कर दिया।
प्रवीश चानम के परिवार ने कई आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस ने जल्दबाजी में शव का अंतिम संस्कार करने से पहले शव की शिनाख्त के लिए कोई सार्वजनिक नोटिस भी नहीं जारी किया।
मृतक के भाई रविकांत चानम ने कहा कि हम सीबीआई से जांच कराना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वह इस मामले के संबंध में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरेन रिजिजू से मिलेंगे। मणिपुर सरकार ने इस मामले की जांच के लिए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक प्रमोद अस्थाना को भेजने का फैसला किया है।
परिवार के सदस्यों ने कहा कि कई घटनाएं प्रवीश की मौत के पीछे आपराधिक इरादों का संकेत दे रही हैं। मृतक के भाई ने बताया कि प्रवीश सात सतंबर को हैदराबाद से आया था और दक्षिण दिल्ली के अर्जुन नगर में अपने एक दोस्त के घर पर रुका।
प्रवीश अठ सितंबर को अपने तीन दोस्तों अशोक, टेरेसा और सचिन के साथ ग्रेटर नोएडा में एक कंसर्ट में शामिल होने गया। कार्यक्रम स्थल से अचानक वह लापता हो गया।
अशोक ने कथित तौर पर प्रवीश का फोन और वॉलेट यह सोचकर ले लिया कि भीड़ में शायद उससे यह गुम हो जाए, उसने दावा किया कि भीड़ में अलग हो जाने पर उन लोगों ने इंडिया एक्सपो मार्ट के गेट संख्या-3 पर मिलने की बात की थी। उन्हें वहां प्रवीश नहीं मिला तो उन लोगों को लगा कि वह वहां से अपने अन्य दोस्तों के साथ जा चुका है।
दिल्ली में रहने वाले रविकांत ने अगली सुबह अपने भाई के लापता होने की जानकारी मिलने पर शाम नौ सितंबर को करीब तीन बजे नॉलेज पार्क पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।
उन्होंने आरोप लगाया कि रिपोर्ट दर्ज कराने पर भी पुलिस ने 11 सितंबर तक आसपास के थानों और सार्वजनिक जगहों पर नोटिस जारी किया।
नॉलेट पार्क के थानाध्यक्ष ने 12 सितंबर को प्रवीश के दोस्तों से पूछताछ की और कंसर्ट का सीसीटीवी फुटेज बरामद किया।
एक दिन बाद थानाध्यक्ष ने रविकांत को बताया कि फुटेज में उनका भाई नोएडा सेक्टर-30 के एक अस्पताल में भर्ती हुआ देखा गया है। हालांकि, वह अस्पताल कैसे पहुंचा यह रहस्य बरकरार है।
परिवार को बताया गया कि प्रवीश आठ सितंबर को अस्पताल में रात 10.30 बजे के करीब भर्ती हुआ और अगले दिन तड़के बिना किसी को बताए वहां से निकल गया। रविकांत ने बताया कि 14 सितंबर को नोएडा सेक्टर-20 में एक अन्य शिकायत दर्ज कराई।
एक पुलिसकर्मी ने परिवार को अस्पताल के पास नौ सितंबर को शव पाए जाने की जानकारी दी, जिसे परीक्षण के लिए भेजा गया था। करीब 72 घंटे बाद पुलिस ने उसका अंतिम संस्करा कर दिया। पुलिस द्वारा तस्वीर दिखाए जाने पर रविकांत ने उसकी शिनाख्त अपने भाई के रूप में की।