सबगुरु न्यूज-सिरोही। सिरोही का दशहरा महोत्सव कई मायनों में अलग रहा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह थी कि यहां पर रावण को जलाने के लिए एक राम ने मना कर दिया। दूसरा राम बनाकर लाए तो उन्हें लक्ष्मण नहीं मिले। जुलूस में भी राम के साथ जाम्बवंत और हनुमान तो थे, लेकिन लक्ष्मण नहीं।
और लक्ष्मण नहीं थे तो फिर मेघनाद के पुतले को भी राम से ही जलवाया गया। जबकि मेघनाद वध लक्ष्मण द्वारा किए जाने के कारण मेघनाद के पुतले का दहन लक्ष्मण द्वारा ही करवाए जाने की परम्परा है।
-सुरक्षा घेरे में ही रहे राम
यहां पर दशहरे के दिन आम तौर पर जो भाटकडा गरबा मंडल के युवक ही राम, लक्ष्मण, हनुमान और वानर सेना की वेशभूषा में आते हैं। ये लोग आए भी, लेकिन मंच पर अतिथि बने सभापति ताराराम माली और भाजपा नगर मंडल अध्यक्ष सुरेश सगरवंशी के प्रति गरबा मंडल के असंतोष के कारण इन लोगों ने रावण जलाने से इनकार कर दिया। इस पर जगदम्बा नवयुवक मंडल एक छोटे बच्चे को राम की वेशभूषा में जुलूस निकालते हुए दशहरा मैदान में पहुंचे।
यहां पर राम को पूरी तरह से सुरक्षा घेरे में ही रखा। मंडल के एक पदाधिकारी इस बात को लेकर भी आशंकित थे कि असंतोष धडा राम बने बालक को भी बहला फुसला कर नहीं ले जाएं। ऐसे में राम बने बच्चे को अपनी नजर में बच्चों की भीड में और पुलिस की सुरक्षा में रखा गया।
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