गुवाहाटी। एक युवक के प्यार की दास्तां प्रेमिका की मौत के साथ समाप्त हो गई। हालांकि प्रेमिका की जान बचाने के लिए प्रेमी द्वारा किए गए प्रयास समाज को एक-दूसरे का सहयोग करने की सीख दे गया।
नंदिता बोड़ो और मिंटू बरुवा एक-दूसरे से बेहद प्यार करते थे। दोनों शादी करने वाले थे। इस बीच पता चला कि नंदिता को ब्लड कैंसर जैसी गंभीर बीमारी है।
नंदिता के घर वालों को जब इसकी जानकारी मिली तो वे उसे एक तरह से भगवान भरोसे छोड़ दिया, लेकिन उससे प्यार करने वाला मिंटू उसको बचाने के लिए हर संभव कोशिश की।
उसने अपनी अच्छी नौकरी तक छोड़ दी। वह नंदिता का इलाज कराने के लिए राज्य के बाहर ले गया, जहां डॉक्टरों ने नंदिता के बचने की उम्मीद न के बराबर कही।
मिंटू ने हार नहीं माना वह नंदिता को इलाज के लिए गुवाहाटी स्थित बी बरुवा कैंसर अस्पताल में भर्ती कराया। यहां पर पिछले कई माह से नंदिता का इलाज चल रहा था।
नंदिता ने कहा था कि जैसे ही मैं थोड़ा स्वस्थ हो जाऊंगी मिंटू के साथ शादी कर लूंगी। वही मिंटू भी नंदिता के स्वस्थ होने का इंतजार कर रहा था। मिंटू और नंदिता जल्दी ही शादी करना चाह रहे थे, लेकिन मौत के आगे दोनों का प्यार हार गया। नंदिता कि शनिवार की सुबह 5.30 बजे मौत हो गई।
उल्लेखनीय है कि नंदिता और मिंटू की कहानी बड़ी अजीब है। दोनों एक-दूसरे को प्यार करते थे। दोनों की शादी भी होने वाली थी, लेकिन जैसे ही रोग पता चला तो स्थितियां ही पूरी तरह से बदल गईं। नंदिता के घर वाले उसे छोड़ दिए।
मिंटू नंदिता को लेकर देश के विभिन्न राज्यों में इलाज के भटकता रहा। जब कोई फायदा नहीं हुआ तो वह नंदिता को लेकर गुवाहाटी पहुंच गया। इस दौरान मिंटू के पास जो कुछ भी जमा-पूंजी थी वह सब समाप्त हो गई। नौकरी छूट गई।
आर्थिक स्थिति बेहद खराब होने के बाद जब इसकी जानकारी कुछ लोगों को मिली तो लोगों ने थोड़ी बहुत मदद भी की, लेकिन नंदिता की बीमारी ऐसी थी जिसके लिए ढेर सारे पैसे की जरूरत थी।
कारण उसका समय-समय पर खून बदलना पड़ता था, सारी मुसीबतों के बावजूद मिंटू ने उसका साथ नहीं छोड़ा अंत समय तक उसके साथ अस्पताल में रहा। नंदिता के परिजनों ने जहां उसे मरने के लिए छोड़ दिया, वहीं गैर होकर भी मिंटू अपना सब कुछ गवां महज प्यार के लिए उसका साथ अंत समय तक देता रहा।