नई दिल्ली। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बी.एस. धनोआ ने गुरुवार को कहा कि चीनी सैनिक अभी भी डोकलाम क्षेत्र के चुंबी घाटी में तैनात हैं और उम्मीद है कि वे जल्द ही वापस चले जाएंगे।
डोकलम की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर वायुसेना प्रमुख ने कहा कि कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन वास्तविक नियंत्रण रेखा के किनारे तिब्बत के दक्षिणी इलाकों में चीनी सेना चुंबी घाटी में छिपे हुए हैं।
धनोआ ने कहा कि दोनों पक्षों के आमने सामने के दौरान कोई शारीरिक मुकाबला नहीं हुआ है। हालांकि चुंबी घाटी में अबी भी चीनी सैनिक तैनात हैं।
वायुसेना दिवस के 8 अक्टूबर को होने वाले वार्षिक प्रेस सम्मेलन से पहले उन्होंने कहा कि दोनों देश इस क्षेत्र में प्रमुख आर्थिक और राजनीतिक शक्तियां हैं, मुझे उम्मीद है कि वे मुद्दों को सुलझाने में परिपक्वता दिखाएंगे। ऐसे मुद्दों के शांतिपूर्ण समाधान दोनों देशों के हित में होंगे और मुझे विश्वास है कि ऐसा राजनीतिक और कूटनीतिक स्तर पर किया जा रहा है।
वायुसेना प्रमुख ने यह भी स्पष्ट किया कि डोकलाम में डेढ़ महीने की लंबी अवधि के दौरान कोई हवाोई कानून का उल्लंघन नहीं हुआ, जबकि तिब्बती पठार में दो हवाई क्षेत्रों पर चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी मौजूद थी।
उन्होंने कहा कि जहां तक पता चला है, हमारे पास ये उपाय थे कि सशस्त्र लड़ाकों को कथित एलएसी से 20 किलोमीटर से अधिक नहीं जाना है, जिसका उल्लंघन दोनों तरफ से ही नहीं किया गया था। धनोआ ने कहा कि हमारे बीच गतिरोध जमीन पर था, लेकिन हवा में कोई गतिरोध नहीं था।
उन्होंने कहा कि स्टैंड-ऑफ के दौरान भारतीय वायुसेना की भूमिका खुफिया, निगरानी और पैमाइश तक सीमित थी।
उन्होंने कहा कि हमारा बुनियादी जोर विभिन्न माध्यमों से आईएसआर पर था और हम यह जानना चाहते थे कि क्या हो रहा है। हमने इस सीमा का उल्लंघन नहीं किया। भारतीय वायुसेना प्रमुख ने कहा कि वायुसेना हमेशा किसी भी आकस्मिक स्थिति के लिए तैयार रहती है।