भोपाल। सुरक्षित बचपन-सुरक्षित भारत यात्रा पर निकले नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने कहा कि हमारे देश में बच्चे जानवरों से भी कम कीमत पर बिकते हैं। ‘सुरक्षित बचपन-सुरक्षित भारत’ यात्रा का अभिनंदन समारोह यहां शुक्रवार को तात्या टोपे स्टेडियम में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में सत्यार्थी ने एक वाकया सुनाकर सभी को हैरत में डाल दिया।
उन्होंने बताया कि मैं एक बार बच्चों को मुक्त कराने गया और बच्चों से पूछा कि तुम्हें कितने-कितने में बेचा गया है, तो किसी ने 10, किसी ने 15 हजार रुपए बताया। तभी एक बोला कि हमारे यहां तो भैंस भी एक से डेढ़ लाख की बिकती है।
सत्यार्थी ने आगे कहा कि इस घटना ने यह साबित कर दिया कि हमारे देश में बच्चों की कीमत जानवरों से भी कम है। समाज में जागृति लाने की जरूरत है। इसके लिए सभी को आगे आना होगा। धार्मिक स्थलों से ज्ञान की बातें तो कहीं जाएं, साथ ही बच्चों से दुराचार करने वालों को समाज से बहिष्कृत किए जाने का भी ऐलान होना चाहिए।
सत्यार्थी ने बताया कि यह यात्रा समाज से बाल हिंसा के कलंक को खत्म करने के लिए आयोजित की जा रही है। यात्रा 11 सितंबर से शुरू हुई है और देश के 22 राज्यों से होते हुए करीब 11 हजार किलोमीटर की दूरी तय करेगी। यात्रा का समापन 16 अक्टूबर को राष्ट्रपति भवन में होगा।
उन्होंने कहा कि यह यात्रा लैंगिक उत्पीड़न के प्रति समाज की मानसिकता को बदलने की सामाजिक एवं सांस्कृतिक क्रांति की प्रतीक है।
इस मौके पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बच्चों के साथ बढ़ती यौन हिंसा की घटनाओं पर चिंता जताते हुए कहा कि राज्य में इसे रोकने के लिए कड़ा कानून बनाया जाएगा। इसके लिए विधानसभा में विधेयक लाया जाएगा, ताकि दोषियों को कठोरतम सजा मिल सके।
चौहान ने शुक्रवार को आह्वान किया कि बाल यौन हिंसा की घातक मानसिकता को जड़ से समाप्त करने के लिए एकजुट होकर कार्य करना होगा, क्योंकि यह मानसिकता स्वस्थ समाज के लिए हानिकारक है।
मुख्यमंत्री चौहान ने आगे कहा कि मासूमों के साथ दुराचार करने वाले अपराधियों को कठोरतम दंड दिलाने के लिए राज्य सरकार शीध्र ही विधानसभा से विधेयक पारित कर भारत सरकार को भेजेगी। इसके साथ ही समाज में इस प्रकार की विकृत मानसिकता को समाप्त करने के लिए जन-जगरण अभियान चलाना होगा।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री चौहान एवं सत्यार्थी ने डॉ. अनिल सिरवैया द्वारा बच्चों के लिए तैयार किए गए नॉलेज कैलेंडर का विमोचन किया। इस अवसर पर यात्रा में शामिल लोगों को बाल हिंसा के विरोध में संघर्ष करने का संकल्प दिलाया गया।