कश्मीर से कन्याकुमारी की यात्रा पर निकली 55 साल की मोक्षा, बेटियों के लिए कर रहीं बाइक पर सफर
सबगुरु न्यूज उदयपुर। हौसला बुलंद हो तो उम्र आड़े नहीं आती। कुछ ऐसी ही बात सिद्ध की है पंजाब मूल की मनाली निवासी 55 वर्षीया मोक्षा जेटली ने। कश्मीर से कन्याकुमारी तक की यात्रा करने बाइक पर निकली मोक्षा उदयपुर पहुंची और आज सुबह 6 बजे बड़ौदा के लिए रवाना हुईं।
शहरवासियों और पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने बताया कि इस यात्रा का उद्देश्य सिर्फ और सिर्फ देशवासियों को ‘डाटर्स आर प्रीसियस’ का ध्येय वाक्य बताना है। बेटियां हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं। अगर बेटा नहीं हो तो क्यों चिंता करें। मैं सिंगल मदर हूं। मेरी एक बिटिया है जो मनाली में पढ़ रही है। मोक्षा बाइक पर लेह-लद्दाख और स्फीति की कई बार यात्रा कर चुकी हैं।
2 अक्टूबर को अपनी बेटी के जन्मदिन पर मनाली से निकली मोक्षा ने अपनी बेटी को श्रीनगर उतारा। 4500 किलोमीटर की यह यात्रा 18 अक्टूबर को त्रिचूर में पूरी होगी। रविवार सुबह 6 बजे वे उदयपुर से बड़ौदा के लिए रवाना हुईं।
उनका मानना है कि औरतों का सोसायटी में महत्वपूर्ण रोल है। सोच बदलनी होगी, तो ही जिंदगी बदलेगी और समाज बदलेगा। हमें सिर्फ एफर्ट करने होंगे। सभी एक साथ नहीं बदलेंगे लेकिन धीरे-धीरे तो बदलाव आएगा। इंसान अपने बारे में नहीं सोचता कि क्या कर रहा है? लेकिन कर्म तो अपने साथ जाएंगे। कर्म अच्छे करें ताकि लोग उनके जाने के बाद भी याद करें।
मोक्षा ने कहा कि प्रायोजक आज भी पहले यह पूछते हैं कि आपको प्रायोजित करने से हमंे क्या मिलेगा? सब जगह कुछ मिले ही, यह जरूरी नहीं। जिस समाज ने आपको इतना कुछ दिया है, उसमें से कुछ समाज के लिए भी निकालें।
महिन्द्रा का नन्हीं कली नामक एनजीओ चलता है जिसके जरिये उन्होंने 3 लाख रुपए फण्ड एकत्र किया। इसके माध्यम से सौ लड़कियों की शिक्षा का खर्च उठाएंगे। ट्रेवलर्स के लिए उन्होंने यावो को सबसे बेस्ट मोबाइल एंड्राइड एप बताते हुए कहा कि इससे आप दुनिया को संदेश दे सकते हैं।
मोक्षा कहती हैं, आज हर व्यक्ति ने सामाजिक जिम्मेदारी छोड़ दी है, सफाईकर्मी से लेकर डाॅक्टर तक, सभी जरूरी हैं समाज के लिए, सभी एक-दूसरे के पूरक हैं, यह बात गहराई समझनी होगी और जेहन में उतारनी भी होगी।