अजमेर। अनुसूचित जाति, जनजाति, ओबीसी, विशेष ओबीसी का आरक्षण जारी रखते हुए वंचित वर्गों के गरीब बच्चों को भी 14 प्रतिशत का आरक्षण मिले। वंचित वर्ग के आरक्षण के बिल को पिछले 4 सालों से सरकार दबा कर बैठी है जबकि इसे विधानसभा में पास कर दिया गया, राज्यपाल के हस्ताक्षर के बावजूद यह स्थिति है। सरकार अपनी यह हठधर्मिता कब छोड़ेगी।
ये बात दीनदयाल वाहिनी के प्रदेशाध्यक्ष घनश्याम तिवाड़ी ने रविवार को अजमेर में लोक संग्रह अभियान के दौरान उपस्थित जनसमूह से संवाद करते हुए कही। उन्होंने कहा कि मैंने आर्थिक न्याय, सामाजिक समरसता और राजनीति में आंतरिक लोकतंत्र के लिए प्रदेश भर में लोक संग्रह अभियान छेड़ा है। इस मुद्दे के साथ ही आर्थिक न्याय जैसे जरूरी मुद्दों पर लोकशिक्षण का कार्य करेंगे।
नोटबंदी और जीएसटी के दौर में भी अमीर और अमीर हुए
उन्होंने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय के अनुसार जब तक दूर दराज में बसी ढाणी में रहने वाले व्यक्ति को भी उतनी सुविधा न मिले जितनी की राजधानी में रहने वाले व्यक्ति को मिलती है, तब तक बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का कोई लाभ नहीं है। इस दौरान उन्होंने फोर्ब्स की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि ये आश्चर्यजनक है कि नोटबंदी और जीएसटी के ऐसे दौर में भी देश के शीर्ष 100 अमीर लोगों की संपत्ति में 26 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
तीसरा मोर्चा पहला कब बन जाए पता भी नहीं चलेगा
संवाददाता सम्मेलन में पत्रकारों से बातचीत के दौरान जब तिवाड़ी से पूछा गया कि उनके व मुख्यमंत्री के बीच मतभेद के मूल कारण क्या हैं। तब उन्होंने कहा कि मैं लोकतांत्रिक और वैचारिक पृष्ठभूमि का व्यक्ति हूं और यही मतभेद का मूल कारण है। एक प्रश्न के दौरान तिवाड़ी ने कहा कि 12 नवंबर को रामलीला मैदान सीकर में लोक संग्रह अभियान का समापन होगा, इसी दौरान नई राजनीतिक शक्ति का भी उदय होगा। तीसरे मोर्चे की सफलता को लेकर उठते संशय पर तिवाड़ी ने कहा कि इन दिनों राजनीतिक परिस्थितियां कुछ ऐसी हो गई हैं कि कब तीसरा फ्रंट पहला बन जाए पता भी नहीं चलता।
कॉरपोरेट जगत को प्रोत्साहन और अन्नदाताओं को भीख
तिवाड़ी दोपहर में अराई पंचायत क्षेत्र में आयोजित की गई किसान यात्रा में भी पहुंचे। कार्यक्रम में उन्होंने उपस्थित किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि हाल ही भारत विश्व की आठवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बना, परंतु भारतीय 184वें नंबर पर हैं। इसका अर्थ साफ है कि हमारी कुल संपदा का 58 प्रतिशत देश के केवल 1 प्रतिशत लोगों के पास है। वहीं 68 प्रतिशत किसानों के पास केवल 8.5 प्रतिशत संपदा हैं। किसानों की स्थिति पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि कॉरपोरेट जगत को प्रोत्साहन के रूप में 60 हजार करोड़ की राशि परंतु किसानों को नाममात्र का अनुदान, वह भी भीख के रूप में दिया जाता है। यदि इतना ही अनुदान किसानों को भी मिले तो वे भी सम्मानित जीवन जी सकेंगे।
तिवाड़ी का किया भव्य स्वागत
इससे पहले, दीनदयाल वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष घनश्याम तिवाड़ी का किशनगढ़ में चंद्रशेखर शर्मा, सुदामा शर्मा और ओमप्रकाश शर्मा के नेतृत्व में भव्य स्वागत किया गया। इस दौरान जगह जगह दीनदयाल वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष का फूलों और मालाओं से स्वागत किया। किशनगढ़ में तिवाड़ी ने संवाददाताओं से भी बातचीत की। इस दौरान उन्होंने पत्रकारों को लोक संग्रह अभियान के बारे में बताया। कार्यक्रम के दौरान अशोक शर्मा, लोकेश भिंडा, विपुल चतुर्वेदी, अभय और दीनदयाल वाहिनी के प्रमुख कार्यकर्ता बंधु भी शामिल हुए।
दूदू में भी लोक संग्रह अभियान की धमक
दीनदयाल वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष घनश्याम तिवाड़ी रविवार को लोक संग्रह अभियान के तहत दूदू में थे। उन्होंने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय के अनुसार जब तक दूर दराज में बसी ढ़ाणी में रहने वाले व्यक्ति को भी उतनी सुविधा न मिले जितनी की राजधानी में रहने वाले व्यक्ति को मिलती है, तब तक बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का कोई लाभ नहीं है।
इस दौरान उन्होंने फोर्ब्स की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि ये आश्चर्यजनक है कि नोटबंदी और जीएसटी के ऐसे दौर में भी देश के शीर्ष 100 अमीर लोगों की संपत्ति में 26 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
उन्होंने कहा कि हाल ही भारत विश्व की आठवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बना, परंतु भारतीय 184वें नंबर पर हैं। इसका अर्थ साफ है कि हमारी कुल संपदा का 58 प्रतिशत देश के केवल 1 प्रतिशत लोगों के पास है। वहीं 68 प्रतिशत किसानों के पास केवल 8.5 प्रतिशत संपदा हैं। घनश्याम तिवाड़ी वृंदावन गार्डन, मौजमाबाद रोड़ दूदू में दीनदयाल वाहिनी द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
तिवाड़ी ने कहा कि आजाद भारत में पहली बार रोजगार के अवसर घट रहे हैं। देश भर में लगभग 1 करोड़ पद रिक्त हैं, केवल राजस्थान में ही 2 लाख 45 हजार सरकारी पद रिक्त चल रहे हैं। किसानों की स्थिति पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि कॉरपोरेट जगत को प्रोत्साहन के रूप में 60 हजार करोड़ की राशि परंतु किसानों को नाममात्र का अनुदान, वह भी भीख के रूप में दिया जाता है। यदि इतना ही अनुदान किसानों को भी मिले तो वे भी सम्मानित जीवन जी सकेंगे।
तिवाड़ी ने कहा कि अनुसूचित जाति, जनजाति, ओबीसी, विशेष ओबीसी का आरक्षण जारी रहते हुए वंचित वर्गों के गरीब बच्चों को भी 14 प्रतिशत का आरक्षण मिले। ताकी आरक्षण सर्वजन हिताय और सर्वजन सुखाय बन जाए। तिवाड़ी ने साफ साफ कहा कि एक लोक कल्याणकारी सरकार को लोककल्याण के कार्यों को बढ़ावा देना चाहिए मगर घाटे के डर से यह सरकार सार्वजनिक क्षेत्रों का निजीकरण कर लाभ कमाने का जुगाड़ करने में जुटी है।
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