पटना। बिहार में महागठबंधन टूटने के बाद कांग्रेस में उठा आंतरिक विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। यह विवाद सोमवार को उस समय और गहरा गया, जब प्रदेश कार्यालय सदाकत आश्रम में पार्टी के प्रतिनिधि सम्मेलन में वर्तमान अध्यक्ष और पूर्व अध्यक्ष के समर्थकों के बीच जमकर हाथापाई हुई और हंगामा हुआ। आरोप है कि पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी के समर्थकों के साथ मारपीट की गई।
सम्मेलन से पहले ही कार्यालय के अंदर मीडिया और बाहरी लोगों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया था। कांग्रेस के एक नेता ने बताया कि बैठक के शुरू होने के बाद ही वर्तमान कार्यकारी अध्यक्ष कौकब कादरी और पूर्व अध्यक्ष अशोक चौधरी के समर्थकों ने अपने-अपने नेताओं के पक्ष में नारेबाजी की।
इससे पूर्व, कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय के प्रवेश द्वार पर रोक लगाए जाने के खिलाफ कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थन में नारे लगाए। इस दौरान अशोक चौधरी के साथ ही उनके गुट के नेताओं व कार्यकर्ताओं के साथ धक्का-मुक्की की गई। हंगामा बढ़ने के बाद सदाकत आश्रम के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है।
इधर, हंगामे के कारण पूर्व अध्यक्ष अशोक चौधरी और उनके समर्थकों ने सम्मेलन का बहिष्कार कर दिया। सम्मेलन छोड़कर बाहर निकले पूर्व अध्यक्ष चौधरी ने अपने समर्थकों के साथ मारपीट का आरोप लागते हुए पत्रकारों से कहा कि राजद के लोगों को बुलाकर पुराने कांग्रेसियों को पिटवाया गया है।
चौधरी ने कहा कि प्रतिनिधियों की सूची जानबूझकर बदली गई है और दूसरी पार्टियों से आए लोगों को पैसा लेकर प्रतिनिधि बनाया गया। पार्टी को तोड़ने की कोशिश की जा रही है, मैं इसकी शिकायत राहुल गांधी से करूंगा।
इधर, सम्मेलन से बाहर निकले कार्यकारी अध्यक्ष ने तो पत्रकारों से कोई बात नहीं की, परंतु उनके समर्थक नेता अखिलेश सिंह ने सम्मेलन में किसी प्रकार की मारपीट से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि अशोक चौधरी वरिष्ठ नेता हैं और कांग्रेस अनुशासित पार्टी है।