भोपाल। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य द्वारा कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ किए गए हमले का कांग्रेस ने अपने ही तरह से जवाब दिया है।
कांग्रेस का कहना है कि राहुल की दादी के राज में संघ के बुजदिल स्वयंसेवकों ने खाकी हाफ पैंट और काली टोपी घरों में छुपा दी थी। कांग्रेस की मध्यप्रदेश इकाई के अध्यक्ष अरुण यादव ने गुरुवार को एक बयान जारी कर संघ के वैद्य द्वारा बुधवार को राहुल गांधी पर किए गए हमले का जवाब दिया।
यादव ने वैद्य के बयान को संघ कबीले की मानसिक खीज बताते हुए कहा कि वैद्य यह भूल बैठे हैं कि राहुल की दादी इंदिरा गांधी द्वारा 1975 में की गई कार्रवाई के चलते संघ के बुजदिल स्वयंसेवकों को खाकी हाफ पेंट और काली टोपी अपने-अपने घरों में छुपाने को मजबूर होना पड़ा था।
यादव ने आगे कहा कि सदा नैतिकता की दुहाई देने वाला संघ यह बताए कि संघ और उसके दो दर्जन से अधिक कार्यरत अनुषांगिक संगठनों के खातों में कितना धन जमा है, वह धन कहां से आता है और उसकी ऑडिट भी सार्वजनिक हो।
यादव ने संघ की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि संघ अपने को एक सांस्कृतिक संगठन बताता है, उसका गठन आजादी के पूर्व 1925 में हुआ था। आज 92 साल बाद भी उसका न तो रजिस्ट्रेशन है और न संविधान, इसके पीछे क्या रहस्य है?
कांग्रेस नेता ने कहा कि देश में हुए कई बम धमाकों में संघ के कई प्रचारकों के नाम सामने आए हैं। हाल ही में अजमेर दरगाह शरीफ में हुए धमाकों के सिलसिले में जयपुर जिला न्यायालय ने दो संघ प्रचारकों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। कई आज भी जेल में हैं, इस पर भी वैद्य कुछ बोलें।
उन्होंने कहा कि भाजपा के कई केंद्रीय मंत्री, सांसद और राज्यों के मंत्री सेक्स स्कैंडल, यौन शोषण व भ्रष्टाचार के मामलों में सार्वजनिक रूप से बेनकाब हो चुके हैं। भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के पुत्र जय शाह की नुकसान में चल रही कंपनी का कारोबार मात्र एक साल में एकाएक 16,000 गुना हो जाने का ताजा मामला सामने आने के बाद संघ कबीला खामोश क्यों है? क्या नैतिकता की सीख सिर्फ राहुल गांधी और अन्य लोगों के लिए ही है?