मुंबई। बीते सप्ताह घरेलू शेयर बाजार तेजी के साथ बंद हुए, जबकि निफ्टी रिकार्ड ऊंचाई पर बंद हुआ। शुक्रवार को समाप्त हुए सप्ताह में साप्ताहिक आधार पर सेंसेक्स 618.47 अंकों या 1.94 फीसदी की तेजी के साथ 32,432.69 पर बंद हुआ।
वहीं, निफ्टी 187.75 अंकों या 1.88 फीसदी की तेजी के साथ 10,167.45 पर बंद हुआ। बीएसई का मिडकैप सूचकांक 126.54 अंकों या 0.8 फीसदी की तेजी के साथ 15,966.69 पर तथा स्मॉलकैप सूचकांक 296.43 अंकों या 1.78 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 16,925.66 पर बंद हुआ।
सोमवार को शेयर बाजार की सकारात्मक शुरुआत हुई और सेंसेक्स 32.67 अंकों या 0.10 फीसदी की तेजी के साथ 31,846.89 पर बंद हुआ। निफ्टी 9.05 अंकों या 0.09 फीसदी की तेजी के साथ 9,988.75 पर बंद हुआ। मंगलवार को सेंसेक्स 77.52 अंकों या 0.24 फीसदी की तेजी के साथ 31,924.41 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 28.20 अंकों या 0.28 फीसदी की तेजी के साथ 10,016.95 पर बंद हुआ।
बुधवार को बैकिग शेयरों में गिरावट के साथ सेंसेक्स 90.42 अंकों या 0.28 फीसदी की गिरावट के साथ 31,833.99 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 32.15 अंकों या 0.32 फीसदी की गिरावट के साथ 9,984.80 पर बंद हुआ। गुरुवार को एक बार फिर शेयरों में तेजी आई और सेंसेक्स 348.23 अंकों या 1.09 फीसदी की तेजी के साथ 32,182.22 पर तथा निफ्टी 111.60 अंकों या 1.12 फीसदी की तेजी के साथ 10,096.40 पर बंद हुआ।
कारोबारी सप्ताह के अंतिम दिन शुक्रवार को सेंसेक्स 250.47 अंकों या 0.78 फीसदी की तेजी के साथ 32,432.69 पर तथा निफ्टी 71.05 अंकों या 0.70 फीसदी की तेजी के साथ 10,167.45 पर बंद हुआ।
बीते सप्ताह सेंसेक्स के तेजी वाले शेयरों में प्रमुख रहे – रिलायंस इंडस्ट्रीज (4.76 फीसदी), कोटक महिंद्रा बैंक (4.3 फीसदी), कोल इंडिया (4.2 फीसदी), एचडीएफसी बैंक (2.8 फीसदी), एक्सिस बैंक (4.96 फीसदी), भारती एयरटेल (12.90 फीसदी), टीसीएस (4.56 फीसदी), इंफोसिस (1.35 फीसदी), टाटा स्टील (2.78 फीसदी), टाटा मोटर्स (0.06 फीसदी), सन फार्मा (0.81 फीसदी) और ल्यूपिन (1.83 फीसदी)।
सेंसेक्स के गिरावट वाले शेयरों में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (1.64 फीसदी), आईसीआईसीआई बैंक (0.31 फीसदी) और एल एंड टी (0.35 फीसदी) प्रमुख रहे।
व्यापक आर्थिक आंकड़ों के मोर्चे पर, देश की खुदरा मुद्रास्फीति सितंबर में 3.28 फीसदी पर बरकरार रही, हालांकि खाद्य कीमतों में मामूली कमी दर्ज की गई है। आधिकारिक आंकड़ों से गुरुवार को यह जानकारी मिली।
सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) मुद्रास्फीति अगस्त की तुलना में सितंबर में 3.28 फीसदी पर स्थिर रही।
क्रमिक आधार पर उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक (सीईपीआई) समीक्षाधीन माह में गिरकर 1.25 फीसदी पर रही, जबकि अगस्त में यह 1.52 फीसदी पर थी।
हालांकि साल-दर-साल आधार पर सितंबर में खुदरा मुद्रास्फीति पिछले साल के सितंबर में दर्ज 4.39 फीसदी से कम दर्ज की गई।
साल-दर-साल आधार पर सितंबर में शहरी क्षेत्रों में सीपीआई की दर गिरकर 3.44 फीसदी पर रही, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह 3.15 फीसदी पर रही, जबकि पिछले साल सितंबर के दौरान यह क्रमश: 3.64 फीसदी और 5.04 फीसदी थी।
मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक साल दर साल आधार पर खाद्य मुद्रास्फीति में कमी के कारण खाद्य पदार्थो मुख्यत: दालों, अंडों और मसालों की कीमतों में आई गिरावट है।
वहीं, इस दौरान दुग्ध आधारित उत्पादों में 3.97 फीसदी और मांस-मछली की कीमतों में 3.19 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।
गैर खाद्य श्रेणी में ईंधन और बिजली खंड में मुद्रास्फीति की दर सितंबर में बढ़कर 5.56 फीसदी रही।
वहीं, औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के अगस्त के आंकड़े गुरुवार को जारी किए गए, जिसमें फैक्टरी आउटपुट में पिछले साल के समान माह की तुलना में 4.3 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है, जिसमें सबसे ज्यादा योगदान खनन और विद्युत क्षेत्र में आई मजबूती का रहा। सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक देश में जुलाई में पिछले साल के इसी महीने की तुलना में विनिर्माण उत्पादन में मामूली 1.2 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई।
नई आईआईपी के संशोधित आधार वर्ष 2011-12 के मुताबिक फैक्टरी उत्पादन जून के दौरान विनिर्माण में गिरावट के कारण (-)0.1 फीसदी पर रही, जबकि इस साल मई में बढ़कर यह 2.80 फीसदी पर आ गई थी।
अप्रैल-अगस्त 2017 की अवधि के दौरान संचयी वृद्धि पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में बहुत कम 2.2 प्रतिशत थी।
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के आंकड़ों से पता चलता है कि अगस्त में हुई बढ़ोतरी में मुख्य रूप से बिजली में बढ़ोतरी का ज्यादा योगदान है जो पिछले साल के समान माह की तुलना में बढ़कर 8.3 फीसदी रही।
विनिर्माण उत्पादन अगस्त में बढ़कर 4.3 फीसदी रही, जबकि पिछले साल के अगस्त में यह 5.5 फीसदी थी। इसका औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में सबसे अधिक भार है।
समीक्षाधीन माह में खनन क्षेत्र में उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्ज की गई और यह 9.4 फीसदी रही, जबकि पिछले साल अगस्त में यह (-)4.3 फीसदी थी।
वैश्विक मोर्चे पर अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने 10 अक्टूबर को जारी अपनी नवीनतम वैश्विक परिदृश्य रिपोर्ट में इस साल और अगले साल के विकास अनुमानों में वृद्धि की है। विकास अनुमान के मुताबिक वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर इस साल 3.5 फीसदी से बढ़ाकर 3.6 फीसदी कर दी गई है। वहीं, अगले साल के लिए इसे 3.6 फीसदी से बढ़ाकर 3.7 फीसदी कर दी गई है। साल 2016 में वैश्विक अर्थव्यवस्था की रफ्तार 3.2 फीसदी रही थी।