सबगुरु न्यूज। आकाशीय ग्रह मंगल 13 अकटूबर की शाम को कन्या राशि में प्रवेश कर लिया है। इस साल विक्रम संवत का राजा मंगल ग्रह है और वह आक्रमक योद्धा की तरह तरह सर्वत्र प्रहार करता रहता है।
यह ग्रह आग, अग्नि कांड, युद्ध, संघर्ष, धरना, आन्दोलन, विरोध प्रदर्शन, हड़ताल, तालाबंदी, बम विस्फोट, भूकम्प, रेल और सडक दुर्घटना, भूमि व इलेक्ट्रॉनिक, नशीली दवा और सैन्य बलों द्वारा कार्यवाही आदि का कारक ग्रह होने से अपने काल में लगभग ऐसी घटनाओं को अन्य आकाशीय ग्रह के संयोग और वियोग से देता रहता है।
सिंह राशि पर दंगल मचाता हुआ यह शुक्रवार को कन्या राशि में प्रवेश कर चुका हैं। कन्या राशि का स्वामी बुध होने के कारण मंगल ग्रह अब व्यापारी बनकर उद्योग धंधों को तेज़ी से बढाते हुए वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए कई मार्ग खोल देगा। यह राहत प्रदान कर बाजारों में तेजी का रुख ला सकता है तथा व्यापार की वर्तमान नीति पद्धति को बदल सकता है।
मंगल मुद्रा का मूल्य बढाएगा। नई मुद्राए चलन में ला सकता है। अन्तरराष्ट्रीय व्यापार को बढा सकता है। बैंक व वितीय ढांचे को आसान कर भूमि, भवन, वाहन, ओटो, मशीनरी, खनिज सम्पदा, शराब के कारोबार को बढा सकता है।
शनि मंगल एक दूसरे को देख कई स्थानों पर स्थिति तनावपूर्ण और संघर्ष वालीं बना सकते हैं। सैन्य बलों द्वारा कार्यवाही व युद्ध की लगातार आशंका बनाते हैं। राजनीति में टकराव व बदलाव के योग बने हुए हैं। भूकंप, रेल व हवाई दुर्घटना तथा आंतक वाद के बम विस्फोट की संभावना विश्व स्तर पर बनी हुई है।
मेष, मिथुन, कन्या, कुंभ राशि वालों को मंगल थोड़ा चिन्ता ग्रस्त करेगा। शेष राशि वालों को मंगल ग्रह लाभ के अवसर दे सकता है। 29 नवम्बर तक ये प्रभाव पड़ते रहेंगे।
सौजन्य : भंवरलाल