इस्लामाबाद। पाकिस्तान के एक तालिबान समूह ने गुरुवार को हाल ही में हुए सीमा के अफगान क्षेत्र में अमरीकी ड्रोन द्वारा हमले में अपने नेता उमर खालिद खोरासानी के मारे जाने की पुष्टि की है।
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान जमात-उल-अह्रार (टीटीपी जेयूए)के प्रवक्ता असद मंसूर ने मीडिया को बताया कि मंगलवार को पक्तिया प्रांत में हुए ड्रोन हमले में खोरासानी गंभीर रूप से घायल हो गया था, जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गई।
जेयूए को पाकिस्तान में पिछले कुछ वर्षो से सबसे ज्यादा खतरनाक आतंकी हमले करने का दोषी माना जाता है, जिसमें कई लोग मारे गए हैं।
खोरासानी, जिसका असली नाम अब्दुल वली है, जिसने 2014 में शीर्ष नेतृत्व के साथ विभिन्न गंभीर मतभेदों के चलते अपने रास्ते अलग कर लिए थे। खबरों के मुताबिक समूह के केंद्रीय परिषद ने अपना अगला नेता असद अफरीदी को चुना है।
अमरीका ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अगस्त में अफगानिस्तान और दक्षिण एशिया के लिए नई रणनीति की घोषणा के बाद अफगानिस्तान पर हवाई हमले तेज कर दिए हैं।
हालांकि सेना ने अभियान में मारे गए शख्स की पहचान नहीं की है लेकिन कहा कि सेना अध्यक्ष जनरल कमर जावेद बाजवा के 1 अक्टूबर को अफगानिस्तान दौरे के बाद पाकिस्तान और अफगानिस्तान सेना के बीच समन्वय पहले से बेहतर हुआ है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध समिति ने जुलाई में जेयूए की परिसंपत्तियों को जब्त, यात्रा प्रतिबंध और हथियारों के प्रतिबंध के अधीन संस्थाओं और व्यक्तियों की सूची में जोड़ने पर स्वीकृति दे दी थी।
संयुक्त राष्ट्र द्वारा संगठन पर प्रतिबंध लगाने के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि पाकिस्तान सूची में बदलाव प्रस्तावित है।