भोपाल/जैतपुरा। इंदौर के गौतमपुरा में दीपावली के दूसरे दिन हुए हिंगोट युद्ध में करीब 40 लोग घायल हुए हैं, जबकि तीन लोग बुरी तरह घायल हो गए। आग से झुलसे लोगों को इंदौर के एमवाय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां पर इनका इलाज चल रहा है। वहीं परंपरागत हिंगोट युद्ध भी समाप्त हो गया है।
जानकारी के अनुसार परंपरागत वर्षों पुरानी परंपरा को जीवित बनाए रखने के लिए हिंगोट युद्ध के लिए यहां तुर्रा (गौतमपुरा) और कलंगी (रुणजी) दल के बीच शुक्रवार देर शाम जमकर युद्ध हुआ। देखने आए हजारों की संख्या में लोगों के बीच इस युद्ध में दोनों तरफ से एक दूसरे पर अग्नेय अस्त्रों का प्रयोग किया।
हिंगोट नामक फल से निकलने वाली आग से करीब 40 लोग घायल हुए हैं वहीं इसे देखने आए दर्शक भी घायल हो गए। जबकि तीन लोग इसमें बुरी तरह से झुलस गए। मौके पर मौजूद लोगों ने तुरंत लोगों ने घायलों को एमवाय अस्पताल में पहुंचाया। जहां पर इनका इलाज चल रहा है।
गौरतलब है कि हिंगोट हिंगोरिया नामक पेड़ पर पैदा होने वाला एक फल होता है। लोग उस फल को जंगल से लाकर पिछले एक माह से घर पर तैयार करते हैं नरियल जैसा होता है और सूखा कटोरा बनाकर उसमें एक छेदा करते हैं जिसमें धांसधांस कर बारूद भर दी जाती है।
बाद में इसे युद्ध के दौरान फेंकते हैं। फेंकते समय यह बम की तरह फट जाता है। युद्ध के दौरान लोग अपना बचाव और सुरक्षा के लिए ढाल का प्रयोग भी करते हैं। हालांकि कई लोग इसमें बुरी तरह घायल भी हो गए, लेकिन आस्था और परंपरा के आगे ये सब बौने साबित होते दिखाई दिए।