सीहोर। दीपोत्सव के दूसरे दिन निकटवर्ती ग्राम लसूडिय़ा परिहार में सांपों की अदालत लगी, जहां सांपों ने पीडि़त लोगों के शरीर में आकर डसने का कारण बताया। सीहोर जिले से मात्र 15 किलोमीटर दूर दीपावली के दूसरे दिन यह अदालत देखने को मिलती है।
यहां ऐसा सच देखने को मिलता है जिसे देख कोई भी दांतों तले अंगुली दबा लेता है। नजारा काफी चौंकाने वाला नजर आ रहा था जैसे ही सांप की आकृति बनी थाली को नगाडे की तरह पंडित छवि राम शर्मा ने बजाना शुरू किया वैसे ही जिन लोगों को कभी भी सांप ने काटा था वह झूमने लगे और उनके शरीर पर नाग आ गया और उसने बताया की क्यों डसा था।
गौरतलब है भोपाल सीहोर मार्ग पर स्थित है ग्राम लसूडिया परिहार, जहां बाबा मंगलदास की कृपा से सालों से सांपों का जहर उस मानव शरीर से उतराने की परम्परा जारी है जिसे नाग या नागिन ने डसा हो। बताते है की यदि किसी को सांप काट ले तो उसे उपचार के लिए यहां लाया जाता है और उसके गले में बेल बांधी जाती है।
ऐसे सभी लोग साल भर में एक दिन दीपावली के दूसरे दिन ग्राम लसूडिया परिहार आते हैं जहां हनुमान जी के मंदिर में नाग देवता स्वयं मानव शरीर में आकर हर मानव को क्यों काटा बताते है। ऐसी मान्यता है कि ऐसी आत्मा जिन्हें भूतहा सर्प जीवन में प्रवेश मिलता है उन्हें इस सर्प जीवन से छुटकारा मिल जाता है।
आज भी ग्राम उलझावन की विवाहिता गायत्रीबाई के शरीर में सांप ने आकर बताया कि उनके द्वारा सांप को मार दिया गया था जिससे वो बार बार उसे डस रहा था। ग्राम धामनिया की राजकुमारी बाई के शरीर में भी सांप ने आकर बताया कि उसे पैरों से दबा दिया गया था इसलिए उसके द्वारा डसा जा रहा है।