चंडीगढ़। पंजाब में मंगलवार को दिनभर पालतू जानवरों पर कर लगाए जाने के मुद्दे पर असमंजस की स्थिति बनी रही। सरकार के अधिकारिक सूत्रों ने औपचारिक रूप से इस बारे में मीडिया को जानकारी जारी करके पूरी कर व्यवस्था को सार्वजनिक कर दिया। इसके बाद फौरन विपक्ष आक्रामक हो गया और कुछ ही घंटों में सरकार बैकफुट पर आ गई।
पंजाब सरकार के अधिकारिक सूत्रों के हवाले से खबर आई है कि राज्य में बिजली की दरों में वृद्धि के बाद सरकार द्वारा पालतू जानवरों पर भी कर लगाया जा रहा है।
स्थानीय निकाय विभाग के अधिकारिक सूत्रों से आई खबर में स्पष्ट था कि पंजाब में कुत्ता, बिल्ली, सूअर, बकरी, बछड़ा, भेड़, हिरण आदि पालने वाले लोगों को 250 रुपये प्रति वर्ष लाइसेंस शुल्क के रूप में अदा करने पड़ेंगे। इसके अलावा गाय-भैंस-बैल, घोड़ा आदि पालने पर 500 रुपए तक प्रति जानवर प्रति वर्ष की दर से टैक्स देना होगा।
निकाय विभाग के पत्र में साफ कहा गया कि अगर टैक्स समय पर नहीं भरा जाएगा तो 10 गुना अधिक जुर्माना देना होगा। जैसे ही यह खबर आई, विपक्ष आक्रामक हो गया। अकाली दल, भाजपा तथा आम आदमी पार्टी ने सरकार को इस मुद्दे पर घेर लिया।
विवाद बढ़ा तो स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिद्धू फ्रंट पर आ गए। सिद्धू ने मीडिया से बातचीत में दावा किया कि सरकार का अभी इस तरह का कर लगाने का कोई इरादा नहीं है। हालांकि उन्होंने दावा किया कि देश के कई शहरों में पहले से ही इस तरह की कर प्रणाली लागू है लेकिन पंजाब सरकार की अभी कोई योजना नहीं है।
भले ही निकाय विभाग ने इस तरह का कर लागू किए जाने से इनकार कर दिया है लेकिन देर शाम तक पंजाब में इस नई कर प्रणाली को लेकर असमंजस की स्थिति बनी रही।