सिडनी। आस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के कप्तान स्टीवन स्मिथ ने बेंगलुरु टेस्ट में भारतीय कप्तान विराट कोहली द्वारा निर्णय समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) के गलत इस्तेमाल के आरोपों को बकवास बताया है। स्मिथ का कहना है कि कोहली ने इस बात को पेचीदा बना दिया था।
उन्होंने कहा कि उन्हें यह देखकर हैरत होती है कि भारत के साथ उस श्रृंखला के खत्म होते ही इस बारे में हर तरह की बात बंद हो गई। स्मिथ ने डीआरएस संबंधी कोहली की बातों को बकवास करार दिया।
इस साल की शुरुआत में भारत दौरे पर आई आस्ट्रेलियाई टीम श्रृंखला में पहला टेस्ट जीतकर आगे थी और बेंगलुरु में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच की चौथी पारी में आसान से लक्ष्य का पीछा कठिन पिच पर कर रही थी। इसी दौरान स्मिथ को अंपायर ने पगबाधा करार दे दिया।
स्मिथ दूसरे छोर पर खड़े पीटर हैंड्सकॉम्ब के पास डीआरएस के बारे में चर्चा करने गए और इस दौरान डीआरएस लेने के लिए उन्हें ड्रेसिंग रूम की तरफ मदद मांगते हुए देखा गया। हालांकि अंपायर नाइजल लोंग ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया।
बाद में कोहली ने इसके लिए आस्ट्रेलियाई टीम पर खेल भावना को नुकसान पहुंचाने के आरोप लगाए थे और कहा था कि उन्होंने इस तरह की हरकतें आस्ट्रेलिया द्वारा पहले भी देखी हैं। यह मुद्दा सुर्खियों में छा गया था।
स्मिथ ने अपनी किताब ‘द जर्नी’ में इस बात का जिक्र किया है। स्मिथ ने किताब में लिखा है कि कोहली द्वारा मैच के बाद किए गए दावे, कि हमने पहले भी दो बार ऐसा किया है, के बाद मुझे पता चला की यह बात कहां पहुंच गई है। जहां तक मेरी बात है, हमने कभी ड्रेंसिंग रूम से सलाह नहीं मांगी।
कोहली ने यहां तक कहा कि उन्होंने पहले ही इस तरह की हरकत के बारे में अंपायरों से शिकायत की थी। मैं साफ तौर पर कह रहा हूं कि हमसे न ही उन मैचों के अंपायरों और मैच रेफरी क्रिस ब्रॉड ने, किसी ने भी इस तरह के नियमों के उल्लंघन के बारे में कभी बात नहीं की।
स्मिथ ने कहा कि विराट इस तरह के उत्तेजित वातावरण को पसंद करते हैं ताकि वह अपने अंदर से अपना सर्वश्रेष्ठ निकाल सकें।
उन्होंने कहा कि विराट उस तरह के खिलाड़ी हैं जो गरम माहौल पसंद करते हैं, वह मेरी तरह ही लड़ाई को पसंद करते हैं। मैं सिर्फ इतना कह सकता हूं कि यह उनका सीरीज में माहौल को उत्तेजित करने का एक तरीका था जिससे वह अपने अंदर से अपना सर्वश्रेष्ठ निकाल सकें।
स्मिथ ने कहा कि यह आज भी उनके लिए रहस्य बना हुआ है कि इस मामले पर श्रृंखला के बाद कभी कोई बात नहीं की गई। उन्होंने यह भी कहा कि मामले में शब्दों के आदान-प्रदान पर बीसीसीआई ने छांटकर जो स्टंप माइक्रोफोन आडियो दिया वह ‘निहायत साधारण’ था।
आस्ट्रेलियाई कप्तान ने कहा कि आईसीसी की तरफ से इस मुद्दे पर आगे कुछ नहीं हुआ और न ही विराट ने उस मुद्दे पर कभी कुछ तफ्सील से बताया। मैच के बाद कुछ छोटी मुलाकातों, आईपीएल में कप्तानों की बैठक में विराट दोस्तों की तरह मिले। उनका व्यवहार दोस्ती वाला था और लग रहा था कि उनमें उसे लेकर कोई कड़वाहट रही होगी तो वह खत्म हो चुकी है। मेरे लिए यह रहस्य की बात थी और हमेशा रहेगी।