नई दिल्ली। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी द्वारा दायर मानहानि के मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के वकील ने उच्च न्यायालय में कहा है कि मामले में आगे सुनवाई हो या नहीं, वह इस बारे में विचार करेंगे।
मामले में केजरीवाल ने निचली अदालत द्वारा उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजने के आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना व न्यायमूर्ति आशुतोष कुमार की खंडपीठ के समक्ष केजरीवाल के वकील ने बताया कि अब अधिवक्ता प्रशांत भूषण उनकी तरफ से केस नहीं लड़ेंगे।
इसलिए अन्य वकील करने और यह विचार करने की कि मामले में आगे सुनवाई की जाए या नहीं उन्हें अभी और समय चाहिए। मामले में सुनवाई के लिए अब 26 मई की तारीख तय की गई है।
गौरतलब है कि गत 17 अप्रैल को उच्च न्यायालय ने केजरीवाल के खिलाफ निचली अदालत में चल रहे एक मामले समेत मानहानि के दो मामलों पर सुनवाई के लिए रोक लगा दी थी।
इससे पहले गत 23 फरवरी को उच्च न्यायालय ने अरविंद केजरीवाल से पूछा था कि क्या वह मामले में आगे सुनवाई चाहते हैं।
अदालत ने यह भी कहा था कि चूंकि केजरीवाल ने मामले में जमानतनामा दाखिल कर दिया है, ऐसे में यह मामला स्वत: ही खत्म हो जाता है। किसी भी मानहानि के मामले में जमानतनामा दाखिल करना अनिवार्य होता है।
बता दें कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने निचली अदालत में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मानहानि का मामला दायर किया था। मामले में समन होने के बाद केजरीवाल ने जमानतनामा दाखिल करने से इन्कार कर दिया था। इस पर अदालत ने उन्हें न्यायिक हिरासत में लेने के निर्देश दिए थे। अदालत के निर्देश को उन्होंने उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।