नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि सरकार उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए कड़े कानून के साथ उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण की स्थापना की प्रक्रिया में है।
मोदी ने पूर्व, दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के उपभोक्ता संरक्षण सम्मेलन में कहा कि उपभोक्ताओं की सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता है। हमलोग देश की जरूरतों और यहां व्यापारिक तौर-तरीकों को ध्यान में रखकर उपभोक्ता संरक्षण के लिए नया कानून लाने की प्रक्रिया में हैं।
उन्होंने कहा कि हम एक उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण बनाने की प्रक्रिया में हैं, जिसे तत्काल समस्या निवारण करने का अधिकार दिया जाएगा। मोदी ने कहा कि ऐसे नियम बनाए जा रहे हैं, जिससे उपभोक्ताओं की समस्या कम समय में और कम खर्च में सुलझाया जा सके।
उन्होंने कहा कि उपभोक्ता सशक्तीकरण पर जोर दिया जा रहा है। भ्रामक विज्ञापनों के खिलाफ सख्त प्रावधान लाने पर विचार किया जा रहा है।
मोदी ने कहा कि भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल है, जिसने संयुक्त राष्ट्र में वर्ष 1986 में उपभोक्ता संरक्षण के दिशा-निर्देश अपनाने के एक वर्ष बाद इस संबंध में कानून बनाया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने के बाद वस्तुओं के मूल्यों में कमी आई है और उपभोक्ताओं के हितों की प्रभावपूर्ण तरीके से रक्षा की जा रही है।
उन्होंने कहा कि जीएसटी की वजह से, कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ी है। इसलिए मूल्यों में कमी आई है। यह निम्न मध्यवर्गीय और गरीब तबके के उपभोक्ताओं के लिए फायदेमंद होगा।
मोदी ने कहा कि पहले, ट्रक द्वारा ढुलाई के काम में पांच दिन लगते थे, लेकिन जीएसटी की वजह से सीमाओं पर चेकपोस्ट हटने से ट्रक केवल तीन दिन में पहुंच रहे हैं। इसका मतलब है ढुलाई के खर्च में कमी आई है। इसका फायदा उपभोक्ताओं को मिलने वाला है।
जीएसटी का विरोध करने वाले को आड़े हाथ लेते हुए उन्होंने कहा कि कुछ लोग जागरूकता के अभाव का फायदा उठा सकते हैं। हालांकि आने वाले दिनों में इसका फायदा उपभोक्ताओं को मिलेगा।
सम्मेलन के बारे में मोदी ने कहा कि यह दिखाता है कि हम अपने नागरिकों की जरूरतों को कितनी गंभीरता से लेते हैं और हम उनकी समस्या सुलझाने के लिए कितने आतुर हैं।
मोदी ने कहा कि यह क्षेत्र में इस तरह का पहला सम्मेलन है, जहां सभी उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए अपने तरीके बता रहे हैं। हालांकि हमें यह दिमाग में रखना पड़ेगा कि दुनिया एकल बाजार की तरफ बढ़ रहा है।