नई दिल्ली। ‘महा तबाही‘ के 4 दिन के बाद भी नेपाल में भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं। मंगलवार तड़के एक घंटे के अंदर भूकंप के दो-दो झटके महसूस किए गए। पहला झटका सुबह 4 बजकर 10 मिनट पर महसूस किया गया, जबकि दूसरा 5 बजकर 5 मिनट पर आया।
नेपाल के गृह मंत्रालय ने 4352 लोगों के मरने की पुष्टि कर दी है। भूकंप से नेपाल में अबतक कुल 8063 लोग घायल हुए है। इस बीच नेपाल से तीन भारतीयों के शव एयर इंडिया के विमान से दिल्ली लाए गए हैं।
यूनेस्को के मुताबिक, पूरे नेपाल में भूकंप से करीब 80 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। काठमांडू में ही एक हजार से ज्यादा लोगों की सांसें थम गईं, जबकि 15 जगहों पर मलबे के नीचे से लोगों को निकालने का काम जारी है । मलबे से भी और लाशें निकलने की संभावना है। मरने वालों की गिनती कहां तक जाएगी, किसी को अंदाजा नहीं।
नेपाल में आए भूकंप के तीन दिन बाद वहां के लोगों को दवाओं और भोजन कि भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। भूंकप के बाद घायल हुए और बेघर हुए लोगों के लिए नेपाल में दवाइयों और भोजन कम पड़ रहे हैं।
नेपाल के लोगों को इन बुनियादी चीजों की सख्त जरूरत है और सरकार उन्हें सामान वितरित करना चाहती है। नेपाल ने भारत, चीन और अन्य देशों से अविलंब सहायता प्रदान करने का आग्रह किया है।
काठमांडू एयरपोर्ट पर हजारों भारतीयों की भीड़
नेपाल के अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हजारों भारतीय इकट्ठे हो गए हैं। वे सभी दो दिन पहले आए भीषण भूकंप के बाद अपने घर जाने के लिए बेताब हैं और वतन वापसी के लिए प्रयास कर रहे हैं। नेपाल के लिए राहत सामग्री ले जा रहे विमान ने अभी तक 2,000 भीरतीयों को बाहर निकाल लिया है।
निजी भारतीय विमानन कंपनियों ने भी नेपाल से लोगों को बाहर निकालने का काम शुरू कर दिया है। काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास ने भारतीयों से धैर्य बनाए रखने के लिए कहा है। इसके अलावा दूतावास ने उन भारतीयों की आर्थिक सहायता करने का भी वादा किया है जिनके पास धन नहीं बचा है।