वाशिंगटन। अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के चुनाव प्रचार अभियान के अध्यक्ष रह चुके पॉल मानाफोर्ट को 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में कथित रूसी हस्तक्षेप के आरोप के बाद नजरबंद कर दिया गया है।
समाचार एजेंसी एफे के मुताबिक न्यायाधीश डबोराह ए.रॉबिन्सन ने मानाफोर्ट और उनके पूर्व कारोबारी सहयोगी रिक गेट्स के सोमवार को अदालत के समक्ष पेश होने के बाद उन्हें पासपोर्ट जमा कराने को कहा।
दोनों को अदालत की पेशियों, वकीलों से मुलाकात, चिकित्सा के लिए चिकित्सकों से मुलाकात और धार्मिक गतिविधियों में शामिल होने की छूट है, और इसके अलावा उनके घर से बाहर निकलने पर रोक लगा दी गई है।
न्यायाधीश ने मानाफोर्ट पर एक करोड़ डॉलर और गेट्स पर 50 लाख डॉलर की जमानत राशि निर्धारित की है। यदि दोनों में से कोई भी नजरबंद की शर्तो का उल्लंघन करता है तो उन्हें इस जमानत राशि का भुगतान करना पड़ेगा।
दोनों पर धनशोधन और षडयंत्र रचने आदि दर्जनभर आरोप हैं, जिसके खिलाफ इन्होंने खुद को निर्दोष बताते हुए याचिकाएं दायर की हैं। मानाफोर्ट और गेट्स गुरुवार को अदालत में पेश होंगे।
ट्रंप ने सोमवार सुबह अपने पूर्व प्रचार प्रमुख के खिलाफ चल रहे इस मामले पर कहा कि मानाफोर्ट पर लगाए गए ये कथित आरोप उनके प्रचार अभियान से जुड़ने से पहले के हैं।
ट्रंप ने ट्वीट किया कि माफ करना, लेकिन यह पॉल मानाफोर्ट के ट्रंप प्रचार अभियान से जुड़ने से बरसों पहले का मामला है। लेकिन हिलेरी और डेमोक्रेटिक को क्यों इससे अलग किया गया। कोई सांठगांठ तो नहीं है!
पिछले शुक्रवार को आईं मीडिया रपटों के मुताबिक वाशिंगटन के एक ग्रैंड जूरी ने 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में रूस के कथित हस्तक्षेप और रूस और ट्रंप के प्रचार अभियान के बीच संभावित सांठगांठ के लिए विशेष अभियोजक रॉबर्ट मूलर द्वारा की जा रही जांच के लिए अभियोग जारी किया था।
जांचकर्ताओं ने मानाफोर्ट को निशाना बनाया, जिसने कई महीनों तक लॉबिस्ट के तौर पर काम किया था और एफबीआई ने जुलाई में उनके घर की तलाशी ली थी।