नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) ने दिल्ली के एक व्यापारी गगन धवन को धनशोधन के मामले की जांच के दौरान कथित रूप से 5,000 करोड़ रुपए की बैंक धोखाधड़ी में गिरफ्तार किया है। यहां की एक अदालत ने उसे सात दिन की ईडी की हिराासत में भेज दिया।
वित्तीय जांच एजेंसी के एक अधिकारी ने बताया कि धवन को धनशोधन रोकथाम अधिनियम(पीएमएलए) के अंतर्गत संदेसारा समूह द्वारा 5,000 करोड़ रुपए की बैंक धोखाधाड़ी से संबंधित मामले में संलिप्तता के लिए दक्षिणी दिल्ली स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया गया।
अधिकारी ने बताया कि बाद में उसे अतिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश अजय पांडे के समक्ष पेश किया गया, जहां से उसे पूछताछ के लिए सात दिनों की ईडी की हिरासत में भेज दिया गया।
अदालत ने कहा कि बड़ी संख्या में सार्वजनिक धन की कथित रूप से बईमानी की गई और आरोपी अन्य मुखौटा कंपनियों और संपत्तियों को खरीदने में इस धन को लगा रहा था।
ईडी अधिकारियों के अनुसार धवन कथित रूप से वड़ोदरा स्थित स्टर्लिग बायोटेक से संबंधित बैंक ऋण धोखाधड़ी में संलिप्त था।
धवन की गिरफ्तारी ऐसे समय हुई है, जब ईडी ने केंद्रीय जांच ब्यूरो(सीबीआई) द्वारा स्टर्लिग बायोटेक और उसके निदेशकों- चेतन जयंतीलाल संदेसारा, दिप्ती चेतन संदेसारा, राजभूषण ओमप्रकाश दीक्षित, नितिन जयंतीलाल संदेसारा और विलास जोशी और अन्य के खिलाफ कथित रूप से बैंक धोखाधड़ी के लिए दर्ज मामले को संज्ञान में लेते हुए अन्य मामला दर्ज किया था।
ईडी अधिकारी के अनुसार धवन द्वारा आयकर विभाग के शीर्ष अधिकारियों को रिश्वत देने के पहले के आपराधिक शिकायत मामले की भी जांच की जा रही है।
25 अगस्त को, ईडी अधिकारियों ने विदेश मुद्रा प्रबंधन कानून(फेमा) के तहत धवन और कांग्रेस के पूर्व विधायक सुमेश शौकीन के कार्यालय व आवास पर छापा मारा था।
धवन पर आरोप है कि उसने इथोपिया और कुछ अन्य देशों में स्थित अपनी कंपनियों की मदद से संदेश आर्या की धनशोधन में मदद की।
इससे पहले वर्ष 2011 में, आयकर अधिकारियों ने आर्या के आवास पर छापा मारा था और उनके खिलाफ तब मामला दर्ज किया गया था।