नई दिल्ली। पांच बार की विश्व विजेता मैरी कॉम ने बुधवार को वियतनाम में खेली गई एशियाई मुक्केबाजी चैम्पियनशिप के फाइनल में 48 किलोग्राम भारवर्ग में स्वर्णिम वापसी की है। वहीं 57 किलोग्राम भारवर्ग में सोनिया लाथर फाइनल में हार गईं। उन्हें रजत पदक से ही संतुष्ट रहना पड़ा।
मैरी कॉम ने कोरिया की ह्यांग मी किम को फाइनल में 5-0 से मात देते हुए सोने का तमगा हासिल किया। यह मैरी कॉम का इस चैम्पियनशिप में पांचवां स्वर्ण पदक है।
मैरी कॉम ने पदक जीतने के बाद कहा कि इस चैम्पियनशिप में मैंने जिस तरह का प्रदर्शन किया उससे मैं काफी खुश हूं। मैं इस जीत को उन लोगों के नाम समर्पित करना चाहती हूं जिन्होंने मुझे तब समर्थन दिया जब पूरे विश्व ने मेरी आलोचना की।
मैरी कॉम ने कहा कि मैं विशेषतौर पर बीएफआई का उच्च स्तरीय सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए शुक्रिया अदा करती हूं। उन्होंने हमें एक महीने तक चले शिविर में हर तरह की सुविधाएं दी। मैं बीएफआई के अध्यक्ष अजय सिंह का मेरे ऊपर विश्वास करने के लिए शुक्रिया अदा करती हूं।
मैरी कॉम शुरुआत से ही अपनी विपक्षी पर हावी रहीं। उनके जोरदार पंचों का कोरियाई खिलाड़ी के पास कोई जवाब नहीं था। कोरियाई खिलाड़ी काफी कोशिशों के बाद भी मैरी कॉम को कमजोर नहीं कर पाईं।
पहले राउंड में अपनी आक्रामक रणनीति से हावी रहने वाली भारतीय खिलाड़ी ने दूसरे राउंड में अपने रक्षात्मक खेल का अच्छा परिचय दिया और इस राउंड में अपनी विपक्षी की गलतियों का फायदा उठाने पर ही ध्यान केंद्रित किया।
मैरी कॉम की रणनीति से कोरियाई खिलाड़ी विचलित हो गईं और फाइनल राउंड में कोरियाई हड़बड़ी करने लगीं और लगातार जल्दबाजी में पंच मारने लगीं। मैरी कॉम जैसी अनुभवी खिलाड़ी के लिए इस स्थिति से निपटना आसान रहा। उन्होंने अपने रिफलेक्सिस का अच्छा इस्तेमाल किया और अपने पंचों का भी सटीक उपयोग किया।
हालांकि भारत इस चैम्पियनशिप में दूसरे स्वर्ण पदक से चूक गया। 57 किलोग्राम भारवर्ग के फाइनल में जगह बनाने वाली सोनिया को रजत पदक से ही संतोष करना पड़ा है। उन्हें फाइनल में चीन की यिन जुहुआ ने कड़े मुकाबले में मात दी।
भारतीय टीम के बेहतरीन प्रदर्शन पर अजय सिंह ने कहा कि इस चैम्पियनशिप में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए मैं पूरी टीम को बधाई देता हूं। हमारे 10 मुक्केबाजों ने इस चैम्पियनशिप में हिस्सा लिया था जिसमें से सात खिलाड़ी पदक जीत कर लौट रही हैं। यह उस मेहनत का फल है जो हमारे खिलाड़ी और कोच भारत को मुक्केबाजी का पावर हाउस बनाने में कर रहे हैं।
भारत के लिए यह चैम्पियनशिप काफी अच्छी रही है। भारत की सात मुक्केबाज पदक जीतकर लौट रही हैं जिनमें से एक स्वर्ण, एक पदक और पांच कांस्य पदक शामिल हैं।
मैरी कॉम और सोनिया के अलावा शिक्षा ने 54 किलोग्राम भारवर्ग में, प्रियंका चौधरी ने 60 किलोग्राम भारवर्ग में, सरिता देवी ने 64 किलोग्राम भारवर्ग में, लवलिना बोरगोहेन ने 69 किलोग्राम भारवर्ग में, सीमा पूनिया ने 81 किलोग्राम भारवर्ग से ज्यादा में कांस्य पदक पर कब्जा जमाया।