नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को नोटबंदी की पहली वर्षगांठ पर देश के लोगों को कालेधन को खत्म करने के सरकार के उपायों का समर्थन करने के लिए धन्यवाद दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट के जरिए लोगों को धन्यवाद दिया। उन्होंने अपने ट्वीट में कई वीडियो व स्लाइड पोस्ट किए। अपने किए गए कई ट्वीट में प्रधानमंत्री ने नोटबंदी को एक ऐतिहासिक व बहुआयामी सफलता और आतंकवाद व नक्सलवाद पर निर्णायक प्रहार बताया।
प्रधानमंत्री ने पोस्ट किए गए एक वीडियो में कहा कि जब वह प्रधानमंत्री बने तो देश भ्रष्टाचार व कालेधन की वजह से भयावह स्थिति में था और नोटबंदी को स्वतंत्र भारत में पहले कभी नहीं लिया गया कदम बताया।
वीडियो में प्रधानमंत्री यह कहते देखे जा रहे हैं कि किसी भी देश के इतिहास में कुछ क्षण ऐसे होते हैं, जब प्रत्येक व्यक्ति महसूस करता है कि वह उस क्षण का हिस्सा होता। हर आम नागरिक भ्रष्टाचार, काला धन व नकली नोट के खिलाफ युद्ध में भागीदारी कर सकता है।
इस वीडियो में लोग एक कतार में लगे दिखाई देते हैं। इसमें कहा गया हैं कि लोग काले धन के खिलाफ लड़ाई में छोटी दिक्कतों को अनदेखा कर देते हैं।
प्रधानमंत्री द्वारा पोस्ट किए गए स्लाइड में नोटबंदी के फैसले को आतंकवाद व नक्सलवाद पर निर्णायक प्रहार बताया गया है। इसमें प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि इस कदम से कश्मीर में पत्थरबाजी की घटनाओं में 75 फीसदी कमी आई थी। साथ ही वामपंथी चरमवाद में 20 फीसदी की कमी आई और 7.62 लाख नकली नोटों का पता चला।
प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा कि सरकार द्वारा भ्रष्टाचार व कालेधन को खत्म करने के लिए उठाए गए कई उपायों को दृढ़तापूर्वक समर्थन करने के लिए मैं भारत के लोगों का नमन करता हूं। मोदी ने कहा कि देश के 125 करोड़ भारतीयों ने एक निर्णायक लड़ाई लड़ी व जीती।
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा पोस्ट किए गए आंकड़े के अनुसार भारत की जनसंख्या के 0.00011 फीसदी ने 33 फीसदी कुल नकदी जमा किए हैं और 17.73 मामले नकद लेनदेन के कर प्रोफाइल से मेल नहीं खाते।
इसमें यह भी कहा गया है कि 23.22 लाख खातों में 3.68 लाख करोड़ रुपए की जमा नकदी संदेह के घेरे में है।
मोदी ने इसे भारतीय वित्तीय प्रणाली में बड़े स्तर पर सफाई बताया है। मोदी ने ट्वीट की गई अपनी स्लाइड में कहा है कि कालेधन व हवाला लेनदेन करने वाली फर्जी कंपनियों का गोरखधंधा उजागर हुआ है। उन्होंने इसे फर्जी कंपनियों पर सर्जिकल स्ट्राइक कहा है, जिसमें 2.24 लाख फर्जी कंपनियां बंद हुई हैं।
इसमें कहा गया कि 35,000 कंपनियों के 58,000 बैंक खातों को नोटबंदी के बाद 17,000 करोड़ रुपए के लेनदेन में पकड़ा गया है।
स्लाइड में यह भी कहा गया है कि यह औपचारिकता की तरफ एक बड़ा प्रोत्साहन था। इसमें कहा गया कि इससे सीधे तौर पर वेतन को बैंक खातों में स्थानांतरित किया जाने लगा। इससे 1.01 करोड़ अतिरिक्त कर्मचारी ईपीएफओ में पंजीकृत हुए व 1.3 करोड़ श्रमिक कर्मचारी राज्य बीमा में पंजीकृत हुए, जिससे उन्हें सामाजिक सुरक्षा व स्वास्थ्य लाभ मिला।
इस कदम से 2015-16 के 66.53 लाख करदाताओं से 2016-17 में 84.21 लाख करदाता हुए है, जो नए कर दाताओं की 26.6 फीसदी की बढ़ोतरी को दिखाता है।
इसमें यह भी कहा गया है कि इस कदम से कम नकदी के इस्तेमाल की तरफ जाने की वजह से राष्ट्र की अर्थव्यवस्था में सफाई आई है और अगस्त 2017 में डिजिटल लेनदेन की संख्या 138 करोड़ हो गई, जो अगस्त 2016 में 87 करोड़ थी।