बेगूसराय। बिहार के बेगूसराय में सिमरिया के गंगा तट पर बुधवार को आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। तुलार्क महाकुंभ के अंतिम तीसरे पर्व (शाही) स्नान पर कम से कम 20 लाख लोगों ने स्नान किया। अंतिम शाही स्नान को लेकर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ सिमरिया घाट पर उमड़ी।
तीसरे शाही स्नान में स्वामी चिदात्मन महाराज की अगुआई में कुंभ शोभा यात्रा निकली। इस शोभा यात्रा में कुंभ की शान माने जाने वाले नागा साधु सबसे आगे रहे। पंच दशनाम जूना अखाड़ा से जुटे ये नागा साधु यात्रा में तलवार, भाले, त्रिशूल से करतब दिखाते रहे। नागा संन्यासियों ने सबसे पहले स्नान किया। नागा सन्यासियों के पीछे दंडी स्वामियों का दल यात्रा में शामिल रहा।
महामंडलेश्वर राम सुमिरन दास, महंत शंकर दास ने भी अपने-अपने मंडल के सैकड़ों महंतों के साथ शाही स्नान में भाग लिया। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे भी उपस्थित रहे। शाही स्नान जुलूस में एक लाख से अधिक लोग शामिल हुए।
स्वामी चिदात्मन जी महाराज ने कहा कि यह जन सैलाब समर्थन का प्रतीक है। भारत एक धर्मप्रधान देश है। यह देश शांति का उद्घोषक रहा है। मिलनसारिता के कारण ही यहां एकता और अखंडता का कारण बनता है। सभी लोग धर्म के मार्ग पर चलते हुए देश को आगे बढ़ावें और जन-जन का काम करें।
शाही स्नान जुलूस सिद्धाश्रम से निकला जो मेला क्षेत्र का परिभ्रमण कर गंगा घाट पहुंचा। इस शाही स्नान को लेकर सुरक्षा के पुख्ते प्रबंध किए गए थे। चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई थी। ड्रोन कैमरा से स्थिति पर नियंत्रण रखी जा रही थी।
इस मौके पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि सिमरिया घाट के सौंदर्यीकरण के लिए राज्य और केंद्र सरकार संकल्पित है। उन्होंने कहा कि इस कुंभ में भाग लेने वाले लोग तो अपनी मोक्ष की प्रार्थना कर ही रहे हैं, परंतु इसी से देश और विश्व का भी कल्याण है।
उल्लेखनीय है कि पहला शाही स्नान 19 अक्टूबर को जबकि दूसरा 29 अक्टूबर को हुआ था। पिछले दो शाही स्नानों के मुकाबले इस शाही स्नान में काफी लोगों ने भाग लिया।
इस अदभुत शाही स्नान में प्रभारी मंत्री विजय कुमार सिन्हा, कुंभ सेवा समिति के महासचिव और विधान पार्षद रजनीश कुमार भी शामिल हुए। यह महाकुंभ 16 नवंबर को समाप्त होगा।