कोलकाता। शहरी निकाय चुनाव में सत्तारूढ पार्टी तृणमूल कांग्रेस की कथित मनमानी के खिलाफ विपक्षी वाम मोर्चा व भारतीय जनता पार्टी की ओर से आहूत बंगाल बंद का मिला-जुला असर देखने को मिला। इस दौरान राज्य के कई स्थानो पर बंद समर्थकों व पुलिस के बीच झडपें हुई।
बंद को विफल करने के राज्य सरकार के अल्टीमेटम के बावजूद राज्य के अधिकांश इलाकों में बंद का असर दिखा। राजधानी कोलकाता में अधिकांश व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे। हालांकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के कडे रुख के चलते सरकारी कार्यालयों में कर्मियों की उपस्थिति सामान्य रही।
कोलकाता की सडकों पर अन्य दिनो की तुलना में वाहनो का संख्या काफी कम रही। राजधानी में सरकारी बसें तो चली लेकिन गैरसरकारी बसें, टैक्सी व आटो आम दिनो की तुलना में कम देखे गए। हालांकि हवाई व मेट्रो यातायात पर बंद का कोई असर नहीं पडा।
बंद समर्थकों ने सियालदह डिविजन में ओवर हेड वायर पर केले के पत्ते डाल कर रेल यातायात बाधित करने की कोशिश की। इससे कुछ स्थानो पर थोडी-थोडी देर के लिये रेल यातायात बाधित हुआ। कोलकाता के सबसे बडे वाणिज्यिक इलाके बडाबाजार में लगभग सन्नाटा छाया रहा।
बंद के दौरान किसी अप्रिय घटना को रोकने के लिये राजधानी की सडकों पर बडी संख्या में पुलिस की तैनाती की गई थी। हालांकि इसके बावजूद कुछ इलाकों में तोडफोड की छिटपुट घटनायें हुई। महानगर के कालेज स्ट्रीट इलाके में बंद समर्थकों ने एक सरकारी बस में तोडफोड की।
इस मामले में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया। उधर हावडा के गोलाबाडी इलाके में भी एक सरकारी बस में तोडफोड की गई। उत्तर २४ परगना जिले के मध्यमग्राम व नदिया जिले के कृष्णनगर में बंद समर्थकों गिरफ्तारी दी।
उधर पानीहाटी में माकपा की एक रैली पर हमला करने की कोशिश की गई। माकपा ने इसके लिये तृणमूल कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया। भाटपाडा नगरपालिका के २८ नंबर वार्ड के भाजपा उम्मीदवार तनय गुह के घर पर बम फेंके गए।
आसनसोल में बंद समर्थकों पर पुलिस द्वारा किये गये लाठी चार्ज में एक माकपा कार्यकर्ता घायल हो गया। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उल्लेखनीय है कि गत 18 अप्रैल को कोलकाता नगर निगम व 25 अप्रैल को राज्य की 91 नगरपालिकाओं के लिए हुए चुनाव के दौरान बडे पैमाने पर हिंसा व धांधली की घटनायें हुई थी।
विपक्षी वाम मोर्चा व भाजपा ने इसके लिए सत्तारूढ तृणमूल कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते हुए १२ घंटे के बंगाल बंद का आह्वान किया था। दूसरी तरफ राज्य सरकार व सत्तारूढ तृणमूल कांग्रेस ने पहले ही बंद को गैरजरूरी करार देकर इसे विफल करने की चेतावनी दे रखी थी।
इसी के चलते बंद के दौरान कई स्थानो पर बंद समर्थकों व तृणमूल कर्मियों के बीच हिंसक झडपें हुई। सरकार की तरफ से बंद के दौरान आम जनजीवन, रेल व सडक यातायात सामान्य रखने के लिए विशेष इंतजाम किए गए लेकिन इस सबके बावजूद हर क्षेत्र में बंद का असर देखा गया।