नई दिल्ली। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर सोमवार को दिल्ली पहुंचे। दिल्ली पहुंचने के बाद वह जानना चाहते थे कि दिल्ली में उनके समकक्ष अरविंद केजरीवाल धुंध की स्थिति और फसलों के अवशेष जलाने पर चर्चा के लिए कहां बैठक करने वाले हैं।
केजरीवाल ने कहा कि उनका कार्यालय खट्टर तक पहुंचने की लगातार कोशिश कर रहा है। बाद में उन्होंने ट्वीट किया कि खट्टर ने कहा है कि वह व्यस्त हैं और बुधवार को चंडीगढ़ में उनसे मिलेंगे।
इससे पहले, खट्टर ने ट्विटर पर एक पत्र साझा किया जिसे उन्होंने 10 नवंबर को केजरीवाल को लिखा था। पत्र में उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री से मिलने की इच्छा व्यक्त की थी और साथ ही केजरीवाल पर अल्पकालिक चुनावी हितों से ऊपर उठने में असमर्थता का आरोप लगाया था।
केजरीवाल ने दिल्ली पर धुंध की मोटी चादर बनाने के लिए पंजाब और हरियाणा के किसानों द्वारा फसलों के अवशेष जलाने को जिम्मेदार ठहराया था। 8 नवंबर को उन्होंने हरियाणा और पंजाब के मुख्यमंत्रियों को इस समस्या का समाधान खोजने के लिए एक संयुक्त बैठक के लिए पत्र लिखा था जिसमें राजधानी के अंदर बढ़ रही स्वास्थ्य चिंता को दर्शाया गया था।
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने बैठक के प्रस्ताव को अस्वीकार कर कहा था कि एनसीआर में वायु प्रदूषण अंतर्राज्यीय मामला नहीं है और इस मामले में केंद्र के हस्तक्षेप की जरूरत है। जबकि खट्टर ने कहा कि वह दिल्ली के मुख्यमंत्री से मिलने के लिए तैयार हैं।
खट्टर ने अपने पत्र में कहा कि वह सोमवार और मंगलवार दोपहर तक दिल्ली में उपलब्ध होंगे।खट्टर ने लिखा कि मैं एनसीआर में खतरनाक तरीके से खराब वायु की समस्या को हल करने के लिए वास्तव में कहीं भी कभी भी आपसे मिलने के लिए तैयार हूं। दिल्ली पहुंचने के बाद, खट्टर ने संवाददाताओं से कहा कि मैं दिल्ली में हूं, बैठक कहां है?
इसके बाद केजरीवाल ने ट्वीट किया है कि उनका कार्यालय लंबे समय से खट्टर से संपर्क करने की कोशिश कर रहा है। बाद में केजरीवाल ने ट्वीट में कहा कि खट्टर जी ने फोन किया। वह कल तक दिल्ली में हैं। वह कहते हैं कि बहुत व्यस्त हैं और दिल्ली में मुझसे नहीं मिल सकते हैं। उन्होंने मुझे बुधवार को चंडीगढ़ आने के लिए कहा है। मैं बुधवार को उनसे चंडीगढ़ में मिलूंगा।
खट्टर ने अपने पत्र में यह भी कहा कि किसानों द्वारा फसलों के अवशेषों को जलाने के मुद्दे से निपटने के लिए एक रचनात्मक मानसिकता की आवश्यकता है। इस संबंध में हर किसी को भूमिका निभानी होगी।
खट्टर ने कहा कि मेरा मानना है कि कोई भी व्यक्ति, संगठन या सरकार हवा की गुणवत्ता में सुधार नहीं कर सकता है। ऐसी सामूहिक कार्रवाई की समस्याओं के लिए हर किसी को अपना कार्य करने की आवश्यकता है। दुर्भाग्य से आपके पत्र में ऐसी मानसिकता का कोई संकेत नहीं है।
हरियाणा के मुख्यमंत्री ने पंजाब सरकार पर केंद्र से मिली 97.58 करोड़ रुपए की आवंटन राशि में से एक भी पैसा खर्च नहीं करने का आरोप लगाया। खट्टर ने कहा कि हरियाणा ने फसल अवशेष प्रबंधन के लिए मिले 45 करोड़ रुपए में से 39 करोड़ रुपए खर्च किए हैं।